"पोंगल": अवतरणों में अंतर

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== नाम ==
इस त्यौहारका नाम पोंगल इसलिए है क्योंकि इस दिन सूर्य देव को जो प्रसाद अर्पित कियाजाताकिया जाता है वह पोगल कहलता है। तमिल भाषा में पोंगल का एक अन्य अर्थ निकलता हैअच्छी तरह उबालना। दोनों ही रूप में देखा जाए तो बात निकल कर यह आती है किअच्छी तरह उबाल कर सूर्य देवता को प्रसाद भोग लगाना।पोंगल का महत्व इसलिए भी है क्योकि यह तमिल महीने की पहली तारीख को आरम्भ होता है।
 
==चार दिन का पर्व==
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तमिल मान्यताओं के अनुसार मट्टू भगवान शंकर काबैल है जिसे एक भूल के कारण भगवान शंकर ने पृथ्वी पर रहकर मानव के लिएअन्न पैदा करने के लिए कहा और तब से पृथ्वी पर रहकर कृषि कार्य में मानवकी सहायता कर रहा है। इस दिन किसान अपने बैलों को स्नान कराते हैंउनकेसिंगों में तेल लगाते हैं एवं अन्य प्रकार से बैलों को सजाते है। बालों कोसजाने के बाद उनकी पूजा की जाती है। बैल के साथ ही इस दिन गाय और बछड़ोंकी भी पूजा की जाती है। कही कहीं लोग इसे केनू पोंगल के नाम से भी जानतेहैं जिसमें बहनें अपने भाईयों की खुशहाली के लिए पूजा करती है और भाई अपनीबहनों को उपहार देते हैं।
 
चारदिनों के इस त्यौहार के अंतिम दिन कन्या पोंगल मनाया जाताहै जिसे तिरूवल्लूर के नाम से भी लोग पुकारते हैं। इस दिन घर को सजायाजाता है। आम के पलल्व और नारियल के पत्ते से दरवाजे पर तोरण बनाया जाताहै। महिलाएं इस दिन घर के मुख्य द्वारा पर कोलम यानी रंगोली बनाती हैं। इसदिन पोंगल बहुत ही धूम धाम के साथ मनाया जाता हैलोग नये वस्त्र पहनते हैऔर दूसरे के यहां पोंगल और मिठाई वयना के तौर पर भेजते हैं। इस पोंगल केदिन ही बैलों की लड़ाई होती है जो काफी प्रसिद्ध है। रात्रि के समय लोगसामुदिक भो का आयोजन करते हैं और एक दूसरे को मंगलमय वर्ष की शुभकामनादेतेशुभकामना देते हैं।
 
{{हिन्दू पर्व-त्यौहार}}
"https://hi.wikipedia.org/wiki/पोंगल" से प्राप्त