"सूखी धुलाई": अवतरणों में अंतर

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'''सूखी धुलाई''' (Dry Cleaning) या शुष्क धुलाई में [[कार्बनिक विलायकों ]] का उपयोग होता है। यह [[ऊन|ऊनी]], [[रेशम|रेशमी]], [[रेयन]] और इसी प्रकार के अन्य वस्त्रों के लिए उपयोग की जाती है।
 
सामान्य धुलाई [[पानी]], [[साबुन]] और [[धावन सोडा|सोडे]] से की जाती है। भारत में धोबी सज्जी मिट्टी का व्यवहार करते हैं, जिसका सक्रिय अवयव सोडियम कार्बोनेट होता है। सूती वस्त्रों के लिए यह धुलाई ठीक है पर ऊनी, रेशमी, रेयन और इसी प्रकार के अन्य वस्त्रों के लिए यह ठीक नहीं है। ऐसी धुलाई से वस्त्रों के रेशे कमजोर हो जाते हैं और यदि कपड़ा रंगीन है तो रंग भी फीका पड़ जाता है। ऐसे वस्त्रों की धुलाई सूखी रीति से की जाती है। केवल वस्त्र ही सूखी रीति से नहीं धोए जाते वरन् घरेलू सजावट के साज सामान भी सूखी धुलाई से धोए जाते हैं। सूखी धुलाई की कला अब बहुत उन्नति कर गई है। इससे धुलाई जल्दी तथा अच्छी होती है और वस्त्रों के रेशे और रंगों की कोई क्षति नहीं होती। विशेष रूप से ऊनी कंबल आदि के लिए यह बहुत उपयोगी है।<ref>{{cite web |url= http://hindi.webdunia.com/miscellaneous/woman/articles/0801/28/1080128013_2.htm|title= यूँ सहेजें गर्म कपड़े|accessmonthday=[[२ फरवरी]]|accessyear=[[२००९]]|format= एचटीएम|publisher=वेब दुनिया |language=}}</ref>
 
==शुष्क धुलाई में प्रयुक्त विलायक ==