"ज़ाकिर हुसैन (राजनीतिज्ञ)": अवतरणों में अंतर

No edit summary
No edit summary
पंक्ति 52:
'''डाक्टर ज़ाकिर हुसैन''' (8 फरवरी, 1848 - 3 मई, 1969) [[भारत]] के तीसरे राष्ट्रपति थे। कार्यकाल - 13 मई 1967 से 3 मई 1968 |
डा. ज़ाकिर हुसैन का जन्म 8 फ़रवरी, 1848 ई. में [[हैदराबाद]], [[आंध्र प्रदेश]] के धनाढ्य पठान परिवार में हुआ था | कुछ समय बाद इनके पिता [[उत्तर प्रदेश]] में रहने आ गये थे। केवल 23 वर्ष की अवस्था में वे 'जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय' की स्थापना दल के सदस्य बने। जाकिर हुसैन भारत के तीसरे राष्ट्रपति तथा प्रमुख शिक्षाविद थे। वे अर्थशास्त्र में पीएच. डी की डिग्री के लिए जर्मनी के बर्लिन विश्वविद्यालय गए और लौट कर जामिया के उप कुलपति के पद पर भी आसीन हुए। 1920 में उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया की स्थापना में योग दिया तथा इसके उपकुलपति बने। इनके नेतृत्व में जामिया मिलिया इस्लामिया का राष्ट्रवादी कार्यों तथा स्वाधीनता संग्राम की ओर झुकाव रहा। स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात वे अलीगढ़ विश्वविद्यालय के उपकुलपति बने तथा उनकी अध्यक्षता में ‘विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग’ भी गठित किया गया। इसके अलावा वे भारतीय प्रेस आयोग, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, यूनेस्को, अन्तर्राष्ट्रीय शिक्षा सेवा तथा केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से भी जुड़े रहे। 1962 ई. में वे भारत के उपराष्ट्रपति बने। उन्हें वर्ष 1963 मे [[भारत रत्न]] से सम्मानित किया गया। 1969 में असमय देहावसान के कारण वे अपना राष्ट्रपति कार्यकाल पूरा नहीं कर सके।
डॉ. जाकिर हुसैन 13 मई, 1967 से 3 मई, 1969 तक स्वतंत्र भारत के तीसरे राष्ट्रपति रहे. डॉ. जाकिर हुसैन भारत में आधुनिक शिक्षा के सबसे बड़े समर्थकों में से एक थे और उन्होंने अपने नेतृत्व में राष्ट्रीय मुस्लिम विश्वविद्यालय को स्थापित किया. उनके द्वारा स्थापित राष्ट्रीय मुस्लिम विश्वविद्यालय आजकल जामिया मिलिया इस्लामिया के नाम से एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय के रूप में नई दिल्ली में मौजूद को स्थापित किया. है, जहाँ से हजारों छात्र प्रत्येक वर्ष अनेक विषयों में शिक्षा ग्रहण करते हैं. डॉ. जाकिर हुसैन ने बिहार के राज्यपाल के रूप में भी सेवा की थी और इसके बाद वे अपना राजनीतिक कैरियर समाप्त होने से पहले वे देश के उपराष्ट्रपति रहे तथा बाद में वे भारत के तीसरे राष्ट्रपति भी बने.
भारत लौटने के बाद की गतिविधियां
 
पंक्ति 60:
 
जाकिर हुसैन को उनके कार्यों को देखते हुआ वर्ष 1963 में भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया. दिल्ली, कोलकाता, अलीगढ़, इलाहाबाद और काहिरा विश्वविद्यालयों ने उन्हें उन्होंने डि-लिट् (मानद) उपाधि से सम्मानित किया था. राज्यपाल के रूप में अपने कार्यकाल के अंत के साथ ही डॉ. जाकिर हुसैन पांच वर्ष की अवधि के लिए देश के दूसरे उप-राष्ट्रपति चुने गए. उन्होंने 13 मई, 1967 को राष्ट्रपति पद ग्रहण किया. इस प्रकार वे भारत के पहले मुस्लिम राष्ट्रपति बने. वे डॉ. राजेंद्र प्रसाद और सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बाद राष्ट्रपति पद पर पहुचने वाले तीसरे राजनीतिज्ञ थे.
[[श्रेणी:व्यक्तिगत जीवन]]
[[श्रेणी:भारत के राष्ट्रपति]]
 
[[bn:জাকির হুসেইন (রাজনীতিবিদ)]]
[[de:Zakir Hussain (Politiker)]]
[[dv:ޒާކިރު ޙުސައިން]]
[[en:Zakir Hussain (politician)]]
[[fr:Zakir Hussain (homme politique)]]
[[id:Zakir Hussain (politikus)]]
[[ka:ზაქირ ჰუსეინი]]
[[kn:ಜಾಕಿರ್ ಹು