"पितृसत्ता": अवतरणों में अंतर

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'''पितृसत्ता''' एक [[समाज|सामाजिक व्यवस्था]] है जिसमे पुरुषों की प्राथमिक सत्ता होती हैं। राजनैतिक नेतृत्व, नैतिक अधिकार, सामाजिक सम्मान, सम्पत्ति का नियंत्रण की भूमिकाओं में प्रबल होते हैं। [[परिवार]] के क्षेत्र में पिता या अन्य पुरुष महिलाओं और बच्चों के ऊपर अधिकार जमाते है। इस व्यवस्था में स्त्री तथा पुरुष को समाज द्वारा दिए गए कार्यो के अनुसार चलना पढता है। [[धर्म]], समाज व रूढ़िवादी परम्पराएं पितृसत्ता को अधिक ताक़तवर बनाती हैं। सदियों से महिलाएं पितृसत्ता के कारण उत्पीड़ित हो रही हैं।
 
==इन्हें भी देखें==
* [[मातृतंत्र]]
* [[ज्येष्ठाधिकार]]
* [[नारीवाद]]
 
==सन्दर्भ==
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एक संयुक्त परिवार में आम तौर पर एक कुलपति (सबसे बुज़ुर्ग नर )का नेतृत्व होता है। इस व्यवस्था को पितृसत्ता कहते हैं. ऐसे घरों में पुरुष प्रधान होता है, वो परिवार का पालन पोषण करता है। संयुक्त परिवारों के मुकाबले में एकल परिवारों में पित्तृसत्ता की अभिव्यक्त्ति जोड़े कम पाए जाते हैं । [4]
 
==इन्हें भी देखें==
* [[मातृतंत्र]]
* [[ज्येष्ठाधिकार]]
* [[नारीवाद]]
 
 
==सन्दर्भ==
Jump up ^ Collins, Jordan, Coleman, Donald, Catheleen, Heather (2009). An Introduction to Family Social Work (3 ed.). Cengage Learning. p. 27. ISBN ISBN 0-495-60188-8. Check |isbn= value (help).
Jump up ^ Sinha, Raghuvir (1993). "Dynamics of Change in the Modern Hindu Family.". South Asia Books. ISBN 978-81-7022-448-8.