"पवहारी बाबा": अवतरणों में अंतर

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पवहारी बाबा का अपने चाचा के ऊपर बड़ा स्नेह था. स्वामी विवेकानन्द के अनुसार पवहारी बाबा के बचपन की सबसे बड़ी घटना थी उनके चाचा का असामयिक निधन. इस घटना ने उनके ऊपर बहुत प्रभाव डाला। इसका परिणाम यह हुआ की बाबा वह आध्यात्मिक और अंतर्मुखी से होने लगे. लगभग इसी समय वह भारतीय तीथस्थलों की यात्रा पर निकल पड़े. इन्ही यात्राओं के दौरान एक ब्रह्मचारी के रूप में उन्होंने काठियावाड़ के गिरनार पर्वत में वे उन्होंने योग की दीक्षा ली। [4] आगे भविष्य में अद्वैत वेदांत की शिक्षा उन्होंने वाराणसी के एक दूसरे साधक से ग्रहण की। [6]
 
=== गाजीपुर में में पुनरागमन और तपस्वी जीवन ===
 
=== उल्लेखनीय घटनाऐं ===