"उमर": अवतरणों में अंतर

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| mother = हन्तमा बिन्ते हिशाम
| spouse = {{ubl|ज़ैनब बिन्त मज़ून|क़ुरैबा बिन्त अबी उमय्या अल मख्ज़ूमी|उम्म हकीम बिन्त अल-हारिस इब्न हिशाम|उम्म कुल्सुम बिन्त अली<ref>{{cite book|last=Majlisi |first=Muhammad Baqir |title=Mir'at ul-Oqool |volume=21 |page=199}}</ref><ref>{{cite book|last=Al-Tusi |first=Nasir Al-Din |title=Al-Mabsoot |volume=4 |page=272}}</ref>|आतिक़ा बिन्त ज़ैद इब्न अम्र इब्न नुफ़ैल|}}
| issue = {{ubl|अब्दुल्ला इब्न उमर|अब्दुर्रहमान इब्न उमर|उबैदुल्ला इब्न उमर|ज़ैद इब्न उमर|आसिम इब्न उमर|इयाद इब्न उमर|हफ़्सा बिन्त उमर|फ़ातिमा बिन्त उमर|ज़ैनब बिन्त उमर}}
| issue = {{ubl|[[Abdullah ibn Umar]]|Abd ar-Rahman ibn Umar|Ubaid Allah ibn Umar|Zayd ibn Umar|[[Asim ibn Umar]]|Iyaad ibn Umar|Az-Zubayr ibn Bakkar (Abu Shahmah|[[Hafsa bint Umar]]|Fatima bint Umar|Zaynab bint Umar}}
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'''हजरत उमर इब्न अल-ख़त्ताब''' (अरबी में عمر بن الخطّاب), ई. (586–590 – 644) [[मुहम्मद]] साहब के प्रमुख चार [[सहाबा]] (साथियों) में से थे। वह [[अबु बकर|हज़रत अबु बक्र]] के बाद मुसलमानों के दूसरे खलीफा चुने गये। मुहम्मद साहब ने फारूक नाम की उपाधि दी थी। जिसका अर्थ सत्य और असत्य में फर्क करने वाला। मुहम्मद साहब के अनुयाईयों में इनका रुतबा हज़रत अबू बक्र के बाद आता है। उमर ख़ुलफा-ए-राशीदीन में दूसरे ख़लीफा चुने गए। उमर ख़ुलफा-ए-राशीदीन में सबसे सफल ख़लीफा साबित हुए। मुसलमान इनको फारूक-ए-आज़म तथा अमीरुल मुमिनीन भी कहते हैं। युरोपीय लेखकों ने इनके बारे में कई किताबें लिखी हैं तथा उमर महान (Umar The Great) की उपाधी दी है। प्रसिद्ध लेखक माइकल एच. हार्ट ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक दि हन्ड्रेड ''[[:en:The 100|The 100: A Ranking of the Most Influential Persons in History]]'', (सौ दुनिया के सबसे प्रभावित करने वाले लोग) में हज़रत उमर को शामिल किया है।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/उमर" से प्राप्त