"लक्ष्मी": अवतरणों में अंतर
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गायत्री की लक्ष्मी धारा का आववाहन करने वाले श्रीवान बनते हैं और उसका आनंद एकाकी न लेकर असंख्यों को लाभान्वित करते हैं। लक्ष्मी के स्वरूप, वाहन आदि का संक्षेप में विवेचन इस प्रकार है-
== विष्णु - लक्ष्मी विवाह ==
[[चित्र:विष्णु-लक्ष्मी.JPG|thumb|200px|right|विष्णु - लक्ष्मी विवाह]]
[[समुद्र मंथन]] से लक्ष्मी जी निकलीं। लक्ष्मी जी ने स्वयं ही भगवान विष्णु को वर लिया।
== इन्हें भी देखें ==
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