"तत्त्वार्थ सूत्र": अवतरणों में अंतर

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[[File:Tattvarthsutra.jpg|thumb|तत्त्वार्थ सूत्र का अंग्रेजी और हिंदी अनुवाद]]
'''तत्त्वार्थसूत्र''', जैन [[आचार्य उमास्वामी]] द्वारा रचित एक [[जैन ग्रन्थ]] है। {{Sfn|जैन|२०११|p=vi}} इसे 'तत्त्वार्थ-अधिगम-सूत्र' तथा 'मोक्ष-शास्त्र' भी कहते हैं। संस्कृत भाषा में लिखा ये पहला जैन ग्रन्थ है {{Sfn|जैन|२०११|p=vi}}। यह प्रथम ग्रन्थ है जो [[सूत्र]] रूप में लिखा गया है। इसमें दस अध्याय तथा ३५० सूत्र हैं। उमास्वामी सभी जैन मतावलम्बियों द्वारा मान्य हैं। उनका जीवनकाल २री शताब्दी है।
इसके दस अध्याय इस प्रकार है {{Sfn|जैन|२०११|p=xi}}:-
# दर्शन और ज्ञान
पंक्ति 11:
# कर्म बंध
# कर्म निर्जरा
# [[मोक्ष (जैन धर्म|मोक्ष]]
 
==सन्दर्भ==