"पेशीतन्त्र": अवतरणों में अंतर

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== पाँव की पेशियाँ ==
पाँव के पृष्ठ पर केवल पादांगुलि प्रसारणी ह्रस्वा (extensor digitorum brevis) पतली, चिपटी, त्रिकोणाकार पेशी स्थित है, जिसकी कंडराएँ चार भागों में विभक्त होकर अंगुष्ठ और तीन अंगुलियों की अस्थियों में लग जाती हैं। पादतल में १८ पेशियाँ तीन स्तरों में स्थित हैं और त्वचा के नीचे पादतल कलावितान (panter aponeurosis) से ढकी रहती हैं। इस वितान को काटने पर पहले स्तर में अंगुष्ठाप्रवर्तनी (abductor pollicis), पादांगुलि संकोचनी ्ह्रस्वा (flexor digitorum brevis) और कनिष्ठापवर्तनी (abductor digiti quinti) हैं। दूसरे स्तर में पादतल चतुरस्रा (quadratus plantaris) और अनुकंडरिकाएँ (lumbricales) हैं। तीसरे स्तर में लघु पादांगुष्ठ आकुंचनी (flexor hallucis brevis), अंगुष्ठाभिवतैनी (abductor hallucis) और कनिष्ठाकुंचनी ्ह्रस्वाह्रस्वा (flexor digiti quinti brevis) नामे तीन पेशियाँ हैं। चौथा स्तर सात शलाकांतरीया (interossei) पेशियों का बना हुआ है, जिनमें से चार अनुगुल्फिका के बीच में हैं और तीन अस्थियों के नीचे स्थित हैं। इनकी क्रिया इनके नाम से प्रकट है।
 
== इन्हें भी देखें ==