"पवहारी बाबा": अवतरणों में अंतर
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=== प्रारंभिक जीवन ===
पवहारी बाबा का बचपन का नाम
पवहारी बाबा का अपने चाचा के ऊपर बड़ा स्नेह था. स्वामी विवेकानन्द के अनुसार पवहारी बाबा के बचपन की सबसे बड़ी घटना थी उनके चाचा का असामयिक निधन. बाल्यावस्था में उन का सम्पूर्ण प्रेम जिसपर केंद्रित था वही चल बसा. सांसारिक दुःख के इस रहस्य को जानने के लिए वे दृढ़-प्रतिज्ञ बन गए. इसका परिणाम यह हुआ कि बाबा वह आध्यात्मिक और अंतर्मुखी से होने लगे. लगभग इसी समय वह भारतीय तीथस्थलों की यात्रा पर निकल पड़े. इन्ही यात्राओं के दौरान एक ब्रह्मचारी के रूप में उन्होंने काठियावाड़ के गिरनार पर्वत में उन्होंने योग की दीक्षा ली। 2 आगे भविष्य में अद्वैत वेदांत की शिक्षा उन्होंने वाराणसी के एक दूसरे साधक से ग्रहण की। 2
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