"स्किथी लोग": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Scythia-Parthia 100 BC.png|thumb|230px|स्किथी लोगों का पहली सदी ईसापूर्व में फैलाव, जिसमें [[उत्तर भारत]] भी कुछ हद तक शामिल था - [[पार्थिया|पार्थी लोग]] इनसे दक्षिण में स्थित थे]]
'''स्किथी''' या '''स्किथाई''' (<small>[[यूनानी भाषा|प्राचीन यूनानी]]: Σκύθαι; [[अंग्रेजी]]: Scythian</small>) [[यूरेशिया]] के [[स्तेपी]] इलाक़े की एक प्राचीन [[ख़ानाबदोश]] जातियों के गुट का नाम था। यहये प्राचीन [[ईरानी भाषाएँ]] बोलते थे और इनका [[भारतीय उपमहाद्वीप]] के उत्तरी भाग पर एक गहरा प्रभाव पड़ा है। इनके अति-प्राचीन इतिहास के बारे में ज़्यादा नहीं पता लेकिन [[लौह युग]] में इनकी संस्कृति बहुत पनपी और इतिहासकारों को खुदाई करने पर इनके द्वारा बनाई गई बहुत सी चीज़ें मिली हैं। यह लोग पूर्वी [[यूरोप]] से [[अल्ताई पर्वतों]] तक विस्तृत थे। जब स्किथी लोगों के विख्यात व्यक्तियों को मृत्योपरांत दफ़नाया जाता था तो उनकी समाधियों के लिए बड़े टीले बनाए जाते थे जिनसे आज भी बहुत सी [[सोना|सोने]] के वस्तुएँ बरामद होती हैं।<ref name="ref15coyif">[http://books.google.com/books?id=4CHrAAAAMAAJ Scythian gold: treasures from ancient Ukraine], Ellen D. Reeder, Esther Jacobson, Harry Abrams in association with the Walters Art Gallery and the San Antonio Museum of Art, 1999, ISBN 978-0-8109-4476-3, ''... It is commonly believed that the Scythians spoke an Iranian language ... materials from Altai excavations establishes the ...''</ref>
 
[[File:Issyk Golden Cataphract Warrior.jpg|thumb|230pxस्किथी योद्धा]]