"विटामिन बी१२": अवतरणों में अंतर

छो पृष्ठ नामस्थान साँचे के स्थान पर पृष्ठ का नाम डाला।
No edit summary
पंक्ति 1:
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में विभिन विटामिन्स, मिनरल्स, प्रोटीन्स, कार्बोहाइड्रेट्स और फाइबर इत्यादि की आवश्यकता होती हैं। शरीर के लिए ज्यादातर आवश्यक तत्वों का पोषण आहार पदार्थो से हो जाता हैं। एक विटामिन ऐसा है जो शरीर के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरुरी है परन्तु आहार तत्वों में वह पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध न होने से ज्यादातर भारतीय लोगो में इस विटामिन की कमी पायी जाती हैं। इस विटामिन का नाम हैं - विटामिन B12
'''विटामिन बी१२''' एक [[कार्बनिक यौगिक]] है।
 
विटामिन B12 को Cobalamin भी कहा जाता हैं। यह एकलौता ऐसा विटामिन है जिसमे Cobalt धातु पाया जाता हैं। यह शरीर के स्वास्थ्य और संतुलित कार्य प्रणाली के लिए बेहद आवश्यक विटामिन हैं।
{{कार्बनिक यौगिक}}
। [[कार्बन]] के [[रासायनिक यौगिक|रासायनिक यौगिकों]] को '''कार्बनिक यौगिक''' कहते हैं। प्रकृति में इनकी संख्या 10 लाख से भी अधिक है। जीवन पद्धति में कार्बनिक यौगिकों की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। इनमें कार्बन के साथ-साथ [[हाइड्रोजन]] भी रहता है। ऐतिहासिक तथा परंपरा गत कारणों से कुछ कार्बन के यौगकों को कार्बनिक यौगिकों की श्रेणी में नहीं रखा जाता है। इनमें [[कार्बनडाइऑक्साइड]], [[कार्बन मोनोऑक्साइड]] प्रमुख हैं। सभी [[जैव अणु]] जैसे [[कार्बोहाइड्रेट]], [[अमीनो अम्ल]], [[प्रोटीन]], [[आरएनए]] तथा [[डीएनए]] कार्बनिक यौगिक ही हैं। कार्बन और हाइड्रोजन के यौगिको को हाइड्रोकार्बन कहते हैं। मेथेन (CH<sub>4</sub>) सबसे छोटे अणुसूत्र का हाइड्रोकार्बन है। ईथेन (C<sub>2</sub>H<sub>6</sub>), प्रोपेन (C<sub>3</sub>H<sub>8</sub>) आदि इसके बाद आते हैं, जिनमें क्रमश: एक एक कार्बन जुड़ता जाता है। हाइड्रोकार्बन तीन श्रेणियों में विभाजित किए जा सकते हैं: ईथेन श्रेणी, एथिलीन श्रेणी और ऐसीटिलीन श्रेणी। ईथेन श्रेणी के हाइड्रोकार्बन संतृप्त हैं, अर्थात्‌ इनमें हाइड्रोजन की मात्रा और बढ़ाई नहीं जा सकती। एथिलीन में दो कार्बनों के बीच में एक द्विबंध (=) है, ऐसीटिलीन में त्रिगुण बंध (º) वाले यौगिक अस्थायी हैं। ये आसानी से ऑक्सीकृत एवं हैलोजनीकृत हो सकते हैं। हाइड्रोकार्बनों के बहुत से व्युत्पन्न तैयार किए जा सकते हैं, जिनके विविध उपयोग हैं। ऐसे व्युत्पन्न क्लोराइड, ब्रोमाइड, आयोडाइड, ऐल्कोहाल, सोडियम ऐल्कॉक्साइड, ऐमिन, मरकैप्टन, नाइट्रेट, नाइट्राइट, नाइट्राइट, हाइड्रोजन फास्फेट तथा हाइड्रोजन सल्फेट हैं। असतृप्त हाइड्रोकार्बन अधिक सक्रिय होता है और अनेक अभिकारकों से संयुक्त हा सरलता से व्युत्पन्न बनाता है। ऐसे अनेक व्युत्पंन औद्योगिक दृष्टि से बड़े महत्व के सिद्ध हुए हैं। इनसे अनेक बहुमूल्य विलायक, प्लास्टिक, कृमिनाशक ओषधियाँ आदि प्राप्त हुई हैं। हाइड्रोकार्बनों के ऑक्सीकरण से ऐल्कोहॉल ईथर, कीटोन, ऐल्डीहाइड, वसा अम्ल, एस्टर आदि प्राप्त होते हैं। ऐल्कोहॉल प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक हो सकते हैं। इनके एस्टर द्रव सुगंधित होते हैं। अनेक सुगंधित द्रव्य इनसे तैयार किए जा सकते हैं। इसी प्रकार विटामिन बी१२ को भी विभिन्न प्रयोगों में लिया जा सकता है।
 
विटामिन B12 की कमी से शरीर को क्या नुकसान होता हैं और किन खाद्य पदार्थो में यह मिलता हैं इसकी अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :
[[श्रेणी:कार्बनिक यौगिक]]
 
==महत्व==
विटामिन B12 शरीर में निम्नलिखित कार्यो के लिए जरुरी होता हैं :
*विटामिन B12 शरीर में लाल रक्त कोशिकाओ (Red Blood cells) के निर्माण हेतु जरुरी होता हैं।
*विटामिन B12 की कमी के कारण शरीर में रक्त की कमी (Anaemia) हो सकती हैं।
*विटामिन B12 शरीर में तंत्रिका प्रणाली (Nervous System) को स्वस्थ बनाये रखता हैं। इसकी कमी के कारण मस्तिष्क आघात (Brain Damage) भी हो सकता हैं।
*विटामिन B12 की कमी के कारण शरीर में Folic acid का अवशोषण नहीं हो पाता हैं।
*विटामिन B12 की वजह से ह्रदय रोग का खतरा कम रहता हैं।
*विटामिन B12 की वजह से कर्करोग और Alzheimer's जैसे रोगों का खतरा कम रहता हैं।
*विटामिन B12 शरीर में उर्जा का संचार करता है और बुढापे को दूर रखता हैं।
*विटामिन B12 शरीर की रोग प्रतिकार शक्ति बढाता है और साथ ही तनाव से निपटने में मदद भी करता हैं। विटामिन B12 को इसीलिए " Anti-Stress Vitamin " भी कहा जाता हैं।
*विटामिन B12 की कमी का क्या कारण हैं ?
 
==कमी के कारण==
शरीर में विटामिन B12 की कमी के निम्नलिखित कारण हैं :
 
'''Pernicious Anaemia''' : हजारो में किसी एक को यह रोग होता हैं। Intrinsic Factor यह एक प्रोटीन का प्रकार है जो की विटामिन B12 के अवशोषण के लिए जरुरी होता हैं। कुछ लोगो में इसकी कमी के कारण आहार से विटामिन B12 शरीर में अवशोषण नहीं होता हैं और परिणामतः विटामिन B12 की कमी हो जाती हैं।
जिन लोगो में किसी वजह से operation कर आमाशय या छोटी आंत का कुछ हिस्सा निकाल देते हैं उनमे विटामिन B12 की कमी पाई जाती हैं।
जो व्यक्ति केवल शाकाहार लेते हैं और कम प्रमाण में दुग्धजन्य पदार्थ लेते हैं।
जो व्यक्ति अम्लपित्त / Acidity से पीड़ित है और उसके लिए PPI दवा हमेशा लेते हैं जैसे की Pantoprazole, Omeprazole इत्यादि।
जिन लोगो की पाचन शक्ति कमजोर है या पेट के रोग से पीड़ित हैं।
जिन व्यक्तिओ को पेट में व्रण / ulcer हैं।
 
==कमी के लक्षण==
विटामिन B12 की कमी के निम्नलिखित लक्षण हैं :
 
कमजोरी, जल्दी थक जाना
 
आलस
 
रक्त की कमी
 
कमजोर पाचन शक्ति
 
सरदर्द
 
भूंक कम लगना
 
हाथ-पैर में झुनझुनी होना या बधिरता
 
कान में आवाज आना / घंटी बजना
 
त्वचा में पीलापन
 
धड़कन तेज होना
 
मुंह में छाले आना
 
याददाश कम होना
 
आँखों में कमजोरी
 
अवसाद, चिडचिडापन, भ्रम
 
अनियमित मासिक
 
कमजोर रोग प्रतिकार शक्ति
 
==कमी की पूर्ति==
विटामिन B12 की कमी का निदान करने के लिए निम्नलिखित परिक्षण / जांच किये जाते हैं :
 
Serum विटामिन B12 Test : यह एक प्रकार की रक्त जांच है जिसमे रक्त में लाल रक्त कण और विटामिन B12 की मात्रा का पता चलता हैं।
 
Bone marrow biopsy : इस परिक्षण में अस्थि मज्जा का परिक्षण किया जाता हैं और विटामिन B12 की मात्रा का पता चलता हैं।
 
Antibody Test : इस परिक्षण में intrinsic factor के antibodies की जांच की जाती है जिससे की Pernicious Anaemia का निदान किया जाता हैं।
 
Schilling Test : इस जांच में शरीर में radio-active विटामिन B12 देकर intrinsic factor की जांच की जाती हैं।
 
विटामिन B12 की कमी में निम्नलिखित उपचार किया जाता हैं :
 
इंजेक्शन : विटामिन B12 की कमी को करने के लिए स्नायु में Injection Hydroxycobalamin दिया जाता हैं। रोगी में विटामिन B12 की कमी अनुसार यह इंजेक्शन एक या दो दिन छोड़कर एक महीने तक दिया जाता हैं। जरुरत पड़ने पर 3 महीने बाद बूस्टर डोज दिया जाता हैं। समय-समय पर रोगी की रक्त जांच की जाती है और कमी रहने पर इंजेक्शन का कोर्स लेना पड़ता हैं।
 
दवा : विटामिन B12 की कमी बेहद ज्यादा न होने पर डॉक्टर आपको विटामिन B12 की गोली लिखकर दे सकते हैं।
 
आहार : इंजेक्शन और दवा के साथ रोगी को आहार में विटामिन B12 युक्त आहार का समावेश
 
[[श्रेणी:पोषण]]