"रत्नकरण्ड श्रावकाचार": अवतरणों में अंतर
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{{Infobox book
| image = The Ratna Karanda Sravakachara.JPG
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| author = [[आचार्य समन्तभद्र]]
| language = [[संस्कृत]]
}}
जैन धर्म की दिगम्बर आम्नाय का यह प्रसिध्द ग्रंथ है। जो समन्तभद्राचार्य स्वामी द्वार रचित है। इस ग्रंथ में जैन श्रावक की चर्या का वर्णन है आचार्य समन्तभद्र देव ने जैन श्रावक कैसा होना चाहीए इसके बारे में विस्तार से बताया है|<br />
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