"यूरिया": अवतरणों में अंतर

No edit summary
पंक्ति 1:
 
{{स्रोतहीन|date=जून 2015}}
{{आज का आलेख}}
{{chembox
[[चित्र:Urea-3D-vdW.png|thumb|right|यूरिया के अणु का अंकन]]
| Verifiedfields = changed
[[चित्र:Urea.png|thumb|right|यूरिया का रासायनिक सूत्र]]
| Watchedfields = changed
'''यूरिया''' एक [[कार्बनिक यौगिक]] है जिसका रासायनिक सूत्र (NH)<sub>2</sub>CO होता है। [[कार्बनिक रसायन]] के क्षेत्र में इसे ''कार्बामाइड'' भी कहा जाता है। यह एक रंगहीन, गन्धहीन, सफेद, रवेदार जहरीला ठोस पदार्थ है। यह [[जल]] में अति विलेय है। यह [[स्तनपायी]] और [[सरीसृप]] प्राणियों के मूत्र में पाया जाता है। कृषि में नाइट्रोजनयुक्त रासायनिक खाद के रूप में इसका उपयोग होता है। यूरिया को सर्वप्रथम [[१७७३]] में [[मूत्र]] में फ्रेंच वैज्ञानिक हिलेरी राउले ने खोजा था परन्तु कृत्रिम विधि से सबसे पहले यूरिया बनाने का श्रेय [[जर्मन]] वैज्ञानिर वोहलर को जाता है।
| verifiedrevid = 443307328
इन्होंने सिल्वर आइसोसाइनेट से यूरिया का निर्माण किया तथा [[स्वीडेन]] के वैज्ञानिक बर्जेलियस के एक पत्र लिखा कि मैंने बिना वृक्क (किडनी) की सहायता लिए कृत्रिम विधि से यूरिया बना लिया है। उस समय पूरी दुनिया में बर्जेलियस का सिद्धान्त माना जाता था कि यूरिया जैसे [[कार्बनिक यौगिक]] सजीवों के शरीर के बाहर बन ही नहीं सकते तथा इनको बनाने के लिए प्राण शक्ति की आवश्यकता होती है।
| Name =
| ImageFile_Ref = {{chemboximage|correct|??}}
| ImageFile = Harnstoff.svg
| ImageSize = 150px
| ImageAlt = Structural formula of urea
| ImageFileL1 = Urea 3D ball.png
| ImageSizeL1 = 120
| ImageAltL1 = Ball-and-stick model of the urea molecule
| ImageFileR1 = Urea 3D spacefill.png
| ImageSizeR1 = 120
| ImageAltR1 = Space-filling model of the urea molecule
| ImageFile2 = Sample of Urea.jpg
| IUPACName = यूरिया (Urea)
| OtherNames = Carbamide, carbonyl diamide, carbonyldiamine, diaminomethanal, diaminomethanone <!-- See "IUPAC name" discussion on talk page -->
|Section1={{Chembox Identifiers
| IUPHAR_ligand = 4539
| ChEBI_Ref = {{ebicite|correct|EBI}}
| ChEBI = 16199
| DrugBank_Ref = {{drugbankcite|changed|drugbank}}
| DrugBank = DB03904
| SMILES = C(=O)(N)N
| UNII_Ref = {{fdacite|correct|FDA}}
| UNII = 8W8T17847W
| KEGG_Ref = {{keggcite|correct|kegg}}
| KEGG = D00023
| InChI = 1/CH4N2O/c2-1(3)4/h(H4,2,3,4)
| InChIKey = XSQUKJJJFZCRTK-UHFFFAOYAF
| ChEMBL_Ref = {{ebicite|correct|EBI}}
| ChEMBL = 985
| StdInChI_Ref = {{stdinchicite|correct|chemspider}}
| StdInChI = 1S/CH4N2O/c2-1(3)4/h(H4,2,3,4)
| StdInChIKey_Ref = {{stdinchicite|correct|chemspider}}
| StdInChIKey = XSQUKJJJFZCRTK-UHFFFAOYSA-N
| CASNo = 57-13-6
| CASNo_Ref = {{cascite|correct|CAS}}
| PubChem = 1176
| ChemSpiderID_Ref = {{chemspidercite|correct|chemspider}}
| ChemSpiderID = 1143
| RTECS = YR6250000
}}
|Section2={{Chembox Properties
| H=4 | C=1 | O=1 | N=2
| Appearance = White solid
| Density = 1.32 g/cm<sup>3</sup>
| Solubility = 1079 g/L (20 °C)<br/>1670 g/L (40 °C)<br/>2510 g/L (60 °C)<br/>4000 g/L (80 °C)
| SolubleOther = 500 g/L glycerol,<ref>{{cite web |url=http://msdssearch.dow.com/PublishedLiteratureDOWCOM/dh_0032/0901b8038003228b.pdf?filepath=glycerine/pdfs/noreg/115-00668.pdf |title=Solubility of Various Compounds in Glycerine|work=msdssearch.dow.com}}</ref> 50g/L ethanol
| MeltingPtC = 133 to 135
| MeltingPt_notes =
| pKa =
| pKb = p''K''<sub>BH<sup>+</sup></sub> = 0.18<ref>{{cite web|url=http://research.chem.psu.edu/brpgroup/pKa_compilation.pdf|title=pKa Data|last1=Williams|first1=R.|date=2001-10-24|accessdate=2009-11-27}}</ref>
}}
|Section3={{Chembox Structure
| Dipole = 4.56 [[Debye|D]]
}}
|Section6={{Chembox Pharmacology
| ATCCode_prefix = B05
| ATCCode_suffix = BC02
| ATC_Supplemental = {{ATC|D02|AE01}}
}}
|Section7={{Chembox Hazards
| ExternalSDS = [http://hazard.com/msds/mf/baker/baker/files/u4725.htm JT Baker]
| FlashPt = Non-flammable
| NFPA-H =
| NFPA-F =
| NFPA-R =
| LD50 = 8500 mg/kg (oral, rat)
}}
|Section8={{Chembox Related
| OtherFunction = [[Thiourea]]<br/>[[Hydroxycarbamide]]
| OtherFunction_label = ureas
| OtherCompounds = [[Carbamide peroxide]]<br/>[[Urea phosphate]]
}}
}}
 
'''यूरिया''' ('Urea या carbamide) एक [[कार्बनिक यौगिक]] है जिसका रासायनिक सूत्र (NH)<sub>2</sub>CO होता है। [[कार्बनिक रसायन]] के क्षेत्र में इसे ''कार्बामाइड'' भी कहा जाता है। यह एक रंगहीन, गन्धहीन, सफेद, रवेदार जहरीला ठोस पदार्थ है। यह [[जल]] में अति विलेय है। यह [[स्तनपायी]] और [[सरीसृप]] प्राणियों के [[मूत्र]] में पाया जाता है। [[कृषि]] में नाइट्रोजनयुक्त[[नाइट्रोजन]]युक्त [[उर्वरक|रासायनिक खाद]] के रूप में इसका उपयोग होता है। यूरिया को सर्वप्रथम [[१७७३]] में [[मूत्र]] में फ्रेंच वैज्ञानिक [[हिलेरी राउले]] ने खोजा था परन्तु कृत्रिम विधि से सबसे पहले यूरिया बनाने का श्रेय [[जर्मन]] वैज्ञानिरवैज्ञानिक [[वोहलर]] को जाता है। इन्होंने सिल्वर आइसोसाइनेट से यूरिया का निर्माण किया तथा [[स्वीडेन]] के वैज्ञानिक [[बर्जेलियस]] के एक पत्र लिखा कि मैंने [[वृक्क]] (किडनी) की सहायता लिए बिना कृत्रिम विधि से यूरिया बना लिया है। उस समय पूरी दुनिया में बर्जेलियस का सिद्धान्त माना जाता था कि यूरिया जैसे [[कार्बनिक यौगिक]] सजीवों के शरीर के बाहर बन ही नहीं सकते तथा इनको बनाने के लिए प्राण शक्ति की आवश्यकता होती है।
: AgNCO (सिल्वर आइसोसाइनेट) + NH<sub>4</sub>Cl → (NH<sub>2</sub>)<sub>2</sub>CO (यूरिया) + AgCl
बड़े पैमाने पर यूरिया का उत्पादन द्रव [[अमोनिया]] तथा द्रव [[कार्बन डाई-आक्साइड]] की प्रतिक्रिया से होता है।
 
यूरिया का उपयोग मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने में होता है। इसका प्रयोग वाहनों के प्रदूषण नियंत्रक के रूप में भी किया जाता है। यूरिया-फार्मल्डिहाइड, रेंजिन, प्लास्टिक एवं [[हाइड्राजिन]] बनाने में इसका उपयोग किया जाता है। इससे यूरिया-स्टीबामिन नामक [[काला-जार]] की दवा बनती है। वेरोनल नामक नींद की दवा बनाने में उसका उपयोग किया जाता है। सेडेटिव के रूप में उपयोग होने वाली दवाओं के बनाने में भी इसका उपयोग किया जाता है।
 
Line 17 ⟶ 93:
 
{{pp-semi-template|small=yes}}
 
। [[कार्बन]] के [[रासायनिक यौगिक|रासायनिक यौगिकों]] को '''कार्बनिक यौगिक''' कहते हैं। प्रकृति में इनकी संख्या 10 लाख से भी अधिक है। जीवन पद्धति में कार्बनिक यौगिकों की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। इनमें कार्बन के साथ-साथ [[हाइड्रोजन]] भी रहता है। ऐतिहासिक तथा परंपरा गत कारणों से कुछ कार्बन के यौगकों को कार्बनिक यौगिकों की श्रेणी में नहीं रखा जाता है। इनमें [[कार्बनडाइऑक्साइड]], [[कार्बन मोनोऑक्साइड]] प्रमुख हैं। सभी [[जैव अणु]] जैसे [[कार्बोहाइड्रेट]], [[अमीनो अम्ल]], [[प्रोटीन]], [[आरएनए]] तथा [[डीएनए]] कार्बनिक यौगिक ही हैं। कार्बन और हाइड्रोजन के यौगिको को हाइड्रोकार्बन कहते हैं। मेथेन (CH<sub>4</sub>) सबसे छोटे अणुसूत्र का हाइड्रोकार्बन है। ईथेन (C<sub>2</sub>H<sub>6</sub>), प्रोपेन (C<sub>3</sub>H<sub>8</sub>) आदि इसके बाद आते हैं, जिनमें क्रमश: एक एक कार्बन जुड़ता जाता है। हाइड्रोकार्बन तीन श्रेणियों में विभाजित किए जा सकते हैं: ईथेन श्रेणी, एथिलीन श्रेणी और ऐसीटिलीन श्रेणी। ईथेन श्रेणी के हाइड्रोकार्बन संतृप्त हैं, अर्थात्‌ इनमें हाइड्रोजन की मात्रा और बढ़ाई नहीं जा सकती। एथिलीन में दो कार्बनों के बीच में एक द्विबंध (=) है, ऐसीटिलीन में त्रिगुण बंध (º) वाले यौगिक अस्थायी हैं। ये आसानी से ऑक्सीकृत एवं हैलोजनीकृत हो सकते हैं। हाइड्रोकार्बनों के बहुत से व्युत्पन्न तैयार किए जा सकते हैं, जिनके विविध उपयोग हैं। ऐसे व्युत्पन्न क्लोराइड, ब्रोमाइड, आयोडाइड, ऐल्कोहाल, सोडियम ऐल्कॉक्साइड, ऐमिन, मरकैप्टन, नाइट्रेट, नाइट्राइट, नाइट्राइट, हाइड्रोजन फास्फेट तथा हाइड्रोजन सल्फेट हैं। असतृप्त हाइड्रोकार्बन अधिक सक्रिय होता है और अनेक अभिकारकों से संयुक्त हा सरलता से व्युत्पन्न बनाता है। ऐसे अनेक व्युत्पंन औद्योगिक दृष्टि से बड़े महत्व के सिद्ध हुए हैं। इनसे अनेक बहुमूल्य विलायक, प्लास्टिक, कृमिनाशक ओषधियाँ आदि प्राप्त हुई हैं। हाइड्रोकार्बनों के ऑक्सीकरण से ऐल्कोहॉल ईथर, कीटोन, ऐल्डीहाइड, वसा अम्ल, एस्टर आदि प्राप्त होते हैं। ऐल्कोहॉल प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक हो सकते हैं। इनके एस्टर द्रव सुगंधित होते हैं। अनेक सुगंधित द्रव्य इनसे तैयार किए जा सकते हैं। इसी प्रकार यूरिया को भी विभिन्न प्रयोगों में लिया जा सकता है।
 
[[श्रेणी:कार्बनिक यौगिक]]
[[श्रेणी:नाइट्रोजन यौगिक]]