"विकिरण-चित्रण": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Xraymachine.JPG|right|thumb|300px|आधुनिक मशीन द्वारा घुटने की रेडियोग्राफी]]
[[चित्र:Coude fp.PNG|right|thumb|300px|कुहनी के रेडियोग्राफ]]
'''विकिरण-चित्रण''' या '''रेडियोग्राफी''', [[चिकित्सा प्रतिबिम्बन]] की वह तकनीक है जो दृष्य-प्रकाश के अतिरिक्त अन्य विद्युतचुम्बकीय विकिरणों (जैसे में [[एक्सरे]] ) का उपयोग करती है। इसमें मुख्यतः एक्स किरणों का उपयोग होता है। इस तकनीक में विद्युतचुम्बकीय तरंगों की पदार्थों को भेदकर निकलने के गुण का प्रयोग वस्तुओं के अंदर की स्थिति ज्ञात करने में किया जाता है। रेडियोग्राफी वस्तुतः असमान घनतत्व तथा संरचना वाली वस्तुओं (जैसे मानव शरीर के अंग) को देखने का साधन है।
 
एक्स-किरण जनित्र द्वारा एक्स-किरण पैदा की जाती है। इन किरणों को जिस वस्तु का चित्रण करना होता है उस पर प्रक्षेपित किया जाता है। चूंकि वस्तु के विभिन्न भागों का घनत्व और संरचना अलग-अलग है, अतः इससे गुजरने वाली एक्स-किरणों का अवशोषण भी अलग-अलग होता है। इस प्रकार विभिन्न मात्राओं में अवशोषित होते हुए एक्स-किरण वस्तु के दूसरी तरफ एक फोटोग्राफिक फिल्म या डिजिटल [[संसूचक]] (डिटेक्टर) द्वारा ग्रहण की जाती है। इस प्रकार वस्तु की आन्तरिक संरचना की एक छाप संसूचक पर द्विआयामी छबि के रूप में प्रकट हो जाती है।