"हेपेटाइटिस सी": अवतरणों में अंतर

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'''यकृतशोथ ग''' (हेपेटाइटिस सी) एक संक्रामक रोग है जो हेपेटाइटिस सी वायरस एचसीवी (HCV) की वजह से होता है और यकृत को प्रभावित करता है.<ref name="Sherris">{{cite book | title = Sherris Medical Microbiology | edition = 4th | publisher = McGraw Hill | year = 2004 | pages=551–2 | isbn = 0838585299 | editor = Ryan KJ, Ray CG (editors) }}</ref> इसका संक्रमण अक्सर स्पर्शोन्मुख होता है लेकिन एक बार होने पर दीर्घकालिक संक्रमण तेजी से यकृत (फाइब्रोसिस) के नुकसान और अधिक क्षतिग्रस्तता (सिरोसिस) की ओर बढ़ सकता है जो आमतौर पर कई वर्षों के बाद प्रकट होता है. कुछ मामलों में सिरोसिस से पीड़ित रोगियों में से कुछ को यकृत कैंसर हो सकता है या सिरोसिस की अन्य जटिलताएं जैसे कि यकृत कैंसर<ref name="Sherris" /> और जान को जोखिम में डालने वाली एसोफेजेल वराइसेस तथा गैस्ट्रिक वराइसेस विकसित हो सकती हैं.
 
हेपेटाइटिस सी वायरस रक्त से रक्त के संपर्क द्वारा फैलता है. शुरुआती संक्रमण के बाद अधिकांश लोगों में, यदि कोई हों, तो बहुत कम लक्षण होते हैं, हालांकि पीड़ितों में से 85% के यकृत में वायरस रह जाता है. इलाज के मानक देखभाल जैसे कि दवाइयों, पेजिन्टरफेरॉन और रिबावायरिन से स्थायी संक्रमण ठीक हो सकता है. इकावन प्रतिशत से ज्यादा पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं. जिन्हें सिरोसिस या यकृत कैंसर हो जाता है, उन्हें यकृत के प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती है तथा प्रत्यारोपण के बाद ही वायरस पूरी तरह से जाता है.