"रहीम": अवतरणों में अंतर

छो Reverted 1 edit by 106.215.188.40 (talk) identified as vandalism to last revision by सत्यम् मिश्र. (TW)
छोNo edit summary
पंक्ति 24:
== भाषा शैली ==
रहीम ने [[अवधी]] और [[ब्रजभाषा]] दोनों में ही कविता की है जो सरल, स्वाभाविक और प्रवाहपूर्ण है। उनके काव्य में श्रृंगार, शांत तथा हास्य रस मिलते हैं तथा [[दोहा]], [[सोरठा]], [[बरवै]], [[कवित्त]] और [[सवैया]] उनके प्रिय [[छंद]] हैं।
 
== साहित्यक देन ==
मुस्लिम धर्म के अनुयायी होते हुए भी रहीम ने अपनी काव्य रचना द्वारा हिन्दी साहित्य की जो सेवा की उसकी मिसाल विरले ही मिल सकेगी| रहीम जी की कई रचनाएँ प्रसिद्ध हैं जिन्हें उन्होंने दोहों के रूप में लिखा| इन दोहो में नीति परक का विशेष स्थान है|
 
 
रहीम के ग्रंथो में रहीम दोहावली या सतसई, बरवै, नायिका भेद, श्रृंगार, सोरठा, मदनाष्ठ्क, राग पंचाध्यायी, नगर शोभा, फुटकर बरवै, फुटकर छंद तथा पद, फुटकर कवितव, सवैये, संस्कृत काव्य सभी प्रसिद्ध हैं|
 
 
इन्होंने तुर्की भाषा में लिखी बाबर की आत्मकथा "तुजके बाबरी" का फारसी में अनुवाद किया| "मआसिरे रहीमी" और "आइने अकबरी" में इन्होंने "खानखाना" व रहीम नाम से कविता की है|
 
 
रहीम जी का व्यक्तित्व बहुत प्रभावशाली था| यह मुसलमान होकर भी कृष्ण भक्त थे| इन्होंने खुद को "रहिमन" कहकर भी सम्बोधित किया है| इनके काव्य में नीति, भक्ति, प्रेम और श्रृंगार का सुन्दर समावेश मिलता है|
 
 
रहीम जी ने अपने अनुभवों को अति सरल व सहजता से जिस शैली में अभिव्यक्त किया है वह वास्तव में अदभुत है| उनकी कविताओं, छंदों, दोहों में पूर्वी अवधी, ब्रज भाषा तथा खड़ी बोली का प्रयोग हुआ है| पर मुख्य रूप से ब्रज भाषा का ही प्रयोग हुआ है| भाषा को सरल, सरस व मधुर बनाने के लिए इन्होंने तदभव शब्दों का अधिक प्रयोग किया है|
 
== प्रमुख रचनाएं ==
Line 38 ⟶ 53:
* [http://www.hindikunj.com रहीम] (हिंदीकुंज में)
* [http://www.achhikhabar.com/2013/03/02/rahim-das-ke-dohe-with-meaning-in-hindi/ रहीम दास जी के दोहे हिंदी में अर्थ सहित]
* [https://spiritualworld.co.in/bhakto-aur-santo-ki-jivni-aur-bani-words-by-great-bhagats/bhagat-rahim-ji-an-introduction भक्त रहीम जी]
{{भक्ति काल के कवि }}
 
"https://hi.wikipedia.org/wiki/रहीम" से प्राप्त