"एंजियोग्राफी": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Cerebral angiography, arteria vertebralis sinister injection.JPG|right|thumb|250px|जाँघ से किये गये एक एन्जियोग्राफ के ट्रान्स्वर्स प्रोजेक्शन में वर्टीब्रो बेसीलर तथा पोस्टीरियर सेरेब्रल]]
'''एंजियोग्राफी''' ([[अंग्रेजी]]: Angiography), '''वाहिकाचित्रण''' अथवा '''वाहिकालेख''' रक्त वाहिनी नलिकाओं [[धमनी]] व [[शिरा|शिराओं]] का एक प्रकार का [[एक्सरे]] जैसा चिकित्सकीय अध्ययन है, जिसका प्रयोग [[हृदय रोग]], [[किडनी]] [[संक्रमण]], ट्यूमर एवं खून का थक्का जमने आदि की जाँच करने में किया जाता है। एंजियोग्राफ में [[रेडियोधर्मी]] [[तत्व]] या डाई का प्रयोग किया जाता है, ताकि रक्त वाहिनी नलिकाओं को [[एक्स रे]] द्वारा साफ साफ देखा जा सके। '''डिजिटल सबस्ट्रेक्शन एंजियोग्राफी''' नामक एक नयी तकनीक में [[कंप्यूटर]] धमनियों की पृष्ठभूमि को गायब कर देता है जिससे चित्र ज्यादा साफ दिखने लगते हैं।<ref>[http://ranuradha.blogspot.com/2009_04_01_archive.html कैसे खुद पहचानें कैंसर को : कैंसर के सफल इलाज का एकमात्र सूत्र है- जल्द पहचान] रेनबो [[२९ अप्रैल]], [[२००९]]</ref> यह तकनीक रक्त वाहिकाओं में अवरोध होने की स्थिति में ही की जाती है। इससे हृदय की धमनी में रुकावट एवं सिकुड़न की जानकारी का तत्काल पता चल जाता है। एंजियोग्राफी के बाद बीमारी से ग्रसित धमनियों को [[एंजियोप्लास्टी (रक्तवाहिकासंधान)|एंजियोप्लास्टी]] द्वारा खोला जाता है।
 
इस उपचार के बाद रोगी के हृदय की रक्तविहीन मांसपेशियों में खून का प्रवाह बढ़ जाता है और उसे तत्काल आराम मिल जाता है। यही नहीं, [[हृदयाघात]] की सम्भावना में भी भारी कमी आ जाती है।<ref name="याहू">[http://in.jagran.yahoo.com/news/local/madhyapradesh/4_7_4796029.html हाथ से एंजियोग्राफी की सुविधा राजधानी में] याहू जागरण [[सितंबर]], [[२००८]]</ref> एंजियोग्राफी दो [[यूनानी]] शब्दों ‘एंजियॉन’ यानी वाहिकाओं और ‘ग्रेफियन’ यानी रिकॉर्ड करने से मिलकर बना है। यह तकनीक [[१९२७]] में पहली बार एक [[पुर्तगाल|पुर्तगाली]] फिज़ीशियन व न्यूरोलॉजिस्ट इगास मोनिज ने खोजी थी। इगास मोनिज को[[१९४९]] में इस उल्लेखनीय कार्य के लिये [[नोबल पुरस्कार]] से सम्मानित किया गया था।