"एक आदिम रात्रि की महक": अवतरणों में अंतर
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'''एक आदिम रात्रि की महक''' एक [[कथा-संग्रह]] है जिसके रचायिता [[फणीश्वर नाथ रेणु]] हैं। इस संग्रह की कहानियाँ हैं
# एक आदिम रात्रि की महक - एक रेलवे कर्मचारी के नौजवान सहायक की ज़िन्दगी
# तबे एकला चलो रे - गाँव के एक भैस की कहानी जो राजनीतिक भूमिका अदा करता है
[[श्रेणी:कथा-संग्रह]]
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