"हरिहर": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Indian god-sivakesava.JPG|right|thumb\300px|दायें विष्णु तथा बायें शंकर । इन्हें 'शिवकेशव' भी कहते हैं।]]
कई विद्वान शिव और विष्णु को अलग मानते हैं। ढाई हज़ार साल पहले शिव को मानने वालों ने अपना अलग पंथ ‘शैव’ बना लिया था, तो विष्णु में आस्था रखने वालों ने ‘वैष्णव’ पंथ। किंतु शिव और विष्णु अलग होकर भी एक ही हैं।▼
हिन्दू धर्म में, [[विष्णु]] (=हरि) तथा [[शिव]] (=हर) का सम्मिलित रूप '''हरिहर''' कहलाता है। इनको 'शंकरनारायण' तथा 'शिवकेशव' भी कहते हैं। विष्णु तथा शिव दोनों का सम्मिलित रूप होने के कारण हरिहर [[वैष्णव तथा [[शैव]] दोनों के लिये पूज्य हैं।
▲कई विद्वान शिव और [[विष्णु]] को अलग मानते हैं। ढाई हज़ार साल पहले शिव को मानने वालों ने अपना अलग पंथ ‘शैव’ बना लिया था, तो विष्णु में आस्था रखने वालों ने ‘वैष्णव’ पंथ। किंतु शिव और विष्णु अलग होकर भी एक ही हैं।
विष्णुपुराण में विष्णु को ही शिव कहा गया है, तो शिवपुराण के अनुसार शिव के ही हज़ार नामों में से एक है विष्णु। शिव विष्णु की लीलाओं से मुग्ध रहते हैं और हनुमान के रूप में उनकी आराधना करते हैं। विष्णु अपने रूपों से शिवलिंग की स्थापनाएं और पूजा करते हैं। दोनों में परस्पर मैत्री और आस्था भाव है।
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