"विनोद बाला अरुण": अवतरणों में अंतर

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'''डॉ विनोद बाला अरुण''' ( जन्म:) [[हिन्दी]], [[संस्कृत]] तथा [[भारतीय दर्शन]] की विदुषी हैं। सन् २००२ से २०१० तक [[मॉरीसस विश्वविद्यालय]] के भारतीय दर्शन विभाग में उन्होने वरिष्ट प्रवक्ता के रूप में अध्यापन किया। इसके पश्चात वे [[विश्व हिन्दी सचिवालय]] की प्रथम महासचिव बनीं। सम्प्रति वे [[रामायण केन्द्र]] की उपाध्यक्षा हैं जिसकी स्थापना २००१ में [[मॉरीशस]] की सरकार द्वारा किया गया था। वे मॉरीशस की संस्कृत प्रचार समित की अध्यक्षा भी हैं।
 
डॉ. विनोद बाला अरुण ने ‘वाल्मीकि रामायण और रामचरितमानस के नैतिक मूल्य और उनका मॉरीशस के हिंदू समाज पर प्रभाव’ पर [[पी-एच.डी.]] की है। वे महात्मा गांधी संस्थान में संस्कृत और भारतीय दर्शन की वरिष्ठ व्याख्याता रह चुकी हैं। वे [[भारत]] और मॉरीशस के संयुक्त सहयोग से स्थापित ‘विश्व हिंदी सचिवालय’ की प्रथम महासचिव रहीं। सेवा-निवृत्ति के बाद संप्रति ‘रामायण सेंटर’ की उपाध्यक्षा का दायित्व मानद रूप में सँभाल रही हैं। उनकी सामाजिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक गतिविधियाँ बहुआयामी हैं। वे सामाजिक, सांस्कृतिक और दार्शनिक विषयों पर प्रवचन करती हैं। रेडियो पर नवनीत, चयनिका, प्रार्थना, जीवन ज्योति और आराधना कार्यक्रमों में क्रमशः भक्त कवियों के पदों की व्याख्या, हिंदी साहित्य की विवेचना, उपनिषदों की व्याख्या द्वारा भारतीय दर्शन का तत्त्व चिंतन व संस्कृत की सूक्तियों का आधुनिक संदर्भों में मूल्यांकन और भक्ति गीतों का भाव निरूपण करती हैं।
 
==कृतियाँ==
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* साहित्य शिरोमणि ( अखिल विश्व हिन्दू समिति, न्यू यॉर्क द्वारा प्रदत्त)
* प्रवासी भारतीय हिन्दी भूषण सम्मान ( [[उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान]] द्वारा प्रदत्त)
 
==सन्दर्भ==
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[[श्रेणी:हिन्दी साहित्यकार]]