"पार्वती": अवतरणों में अंतर

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निश्चित दिन शिव जी बारात ले कर [[हिमालय]] के घर आये। वे बैल पर सवार थे। उनके एक हाथ में त्रिशूल और एक हाथ में डमरू था। उनकी बारात में समस्त देवताओं के साथ उनके गण भूत, प्रेत, पिशाच आदि भी थे। सारे बाराती नाच गा रहे थे। सारे संसार को प्रसन्न करने वाली भगवान शिव की बारात अत्यंत मन मोहक थी। इस तरह शुभ घड़ी और शुभ मुहूर्त में शिव जी और पार्वती का विवाह हो गया और पार्वती को साथ ले कर शिव जी अपने धाम कैलाश पर्वत पर सुख पूर्वक रहने लगे।
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
* [https://spiritualworld.co.in/religious-songs-and-vrat-kathayen/hindu-aarti-collection/shri-gori-ambey-ji-ki-aarti-in-hindi-and-english श्री गौरी अम्बे जी की आरती]
 
[[श्रेणी:हिन्दू देवियाँ]]