"अर्धचालक उत्पादन": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Monokristalines Silizium für die Waferherstellung.jpg|right|thumb|300px200px|सिलिकॉन का एकाकी क्रिस्टल (मोनोक्रिस्टल) जिससे विभिन्न प्रकार की अर्धचालक युक्तियों का निर्माण होता है।]]
जटिल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में सभी जगह प्रयुक्त [[अर्धचालक युक्तियाँयुक्ति|अर्धचालक युक्तियों]] को बनाने की प्रक्रिया को अर्धचालक उत्पादन या निर्माण कहते हैं। इसके लिए मुख्यतः एक [[अर्धचालक]] ‍(जैसे सिलिकन‌) के उपर इसके ऑक्साईड की हल्की सी मिलावट करने की क्रिया मुख्य होती है । सिलिकन का जो रूप सबसे अधिक प्रयुक्त होता है वो है [[सिलिकन जर|wafer]] यानि पतली सी झिल्ली । ये झिल्ली की परत आजकल ५० नैनोमीटर से भी कम मोटी होती है - यानि एक [[परमाणु]] की मोटाई के कुछ ही अधिक ।
 
इतनी पतली झिल्ली को बनाना और उसको पोस्टकार्ड के आकार के आधार-भूत प्लास्टिक बोर्ड पर अरबों की तादाद में स्थापित करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है । इसी सूक्ष्म-सृजन को मशीनों द्वारा करके [[ट्रांसिस्टर]] और जटिल इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाए जाते हैं । इस प्रक्रिया को बनाते समय धूल का एक कण भी इसके सर्किट को विकृत कर सकता है ।