"जैन मुनि": अवतरणों में अंतर
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=== केश लोंच ===
प्रत्येक जैन मुनि को केश-लोंच करना अनिवार्य हैं।{{साँचा:Sfn|Singh|2007|p = 29}}
== बाईस परिषह ==
जैन ग्रंथों के अनुसार मुनियों के लिए बाईस परिषह सहने होते हैं
#भूख,
#पियास,
#सर्दी,
#गर्मीं,
#,
#नग्नता,
#भोगों का आभाव,
#स्त्री,{{refn|group=note|स्त्री की मीठी आवाज़, सौंदर्य, धीमी चाल आदि का मुनि पर कोई असर नहीं पड़ता, यह एक परिषह हैं जैसे कछुआ कवछ से अपनी रक्षा करता हैं, उसी प्रकार मुनि भी अपने धर्म की रक्षा, मन और इन्द्रियों को वश में करके करता हैं}}}
#त्रिस्कर,
#अलाभ,
#रोग,
#मल,
#सत्कारपुरस्कार,
#जमीन पर सोना
#प्रज्ञा,
#अज्ञान,
#अदर्शन
== पद ==
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