कुछ [[टेनोफोरा]] जैसे जीवों में द्विव्यासीय सममिति (Biradialbiradial symmetry) देखी जाती है जो व्यासीय और द्विभागीय सममिति का मेल है। इसमें जीव को अपने केन्द्र के इर्द-गिर्द सुसज्जित चार भागों में बांटा जा सकता है जिसमें उल्टे छोर के दो भाग एक-जैसे होते हैं लेकिन वे अन्य दो भागों से अलग होते हैं, जो कि स्वयं आपस में एक-से होते हैं। कुछ जीववैज्ञानिकों का मत है कि जीवन के [[क्रम-विकास]] (इवोल्युशन) में यह व्यासीय और द्विभागीय सममिति के बीच का पड़ाव है, यानि आरम्भ में जीवों में व्यासीय सममिति ही थी, जिस से फिर द्विव्यासीय सममिति विकसित हुई जो आगे चलकर द्विभागीय सममिति में विकसित हुई।