"इन्दिरा गांधी": अवतरणों में अंतर

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'''इन्दिरा प्रियदर्शिनी गाँधी''' (जन्म उपनाम: नेहरू) ([[19 नवंबर]] [[१९१७]]-[[31 अक्टूबर]] [[1984]]) वर्ष 1966 से 1977 तक लगातार 3 पारी के लिए भारत गणराज्य की [[प्रधानमन्त्री]] रहीं और उसके बाद चौथी पारी में 1980 से लेकर 1984 में उनकी [[राजनैतिक हत्या]] तक भारत की प्रधानमंत्री रहीं। वे [[भारत]] की प्रथम और अब तक एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रहीं।
 
== प्रारंभिक जीवन और कैरियरकरीअर ==
इन्दिरा का जन्म 19 नवम्बर 1917 को राजनीतिक रूप से प्रभावशाली [[नेहरू-गांधी परिवार|नेहरू परिवार]] में हुआ था। इनके पिता [[जवाहरलाल नेहरू]] और इनकी माता [[कमला नेहरू]] थीं।
 
इन्दिरा को उनका "गांधी" उपनाम [[फिरोज गांधी|फिरोज़ गाँधी]] से [[विवाह]] के पश्चात मिला था।<ref>[hindi.webdunia.com/national-hindi-news/indira-gandhi-former-india-pm-firoge-gandhi-115062500010_1.html इंदिरा इस तरह बनीं गांधी, पढ़ें पूरी कहानी...] (वेबदुनिया)</ref> इनका [[मोहनदास करमचंद गाँधी]] से न तो खून का और न ही शादी के द्वारा कोई रिश्ता था। इनके पितामह [[मोतीलाल नेहरू]] एक प्रमुख भारतीय राष्ट्रवादी नेता थे। इनके पिता [[जवाहरलाल नेहरू]] भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन के एक प्रमुख व्यक्तित्व थे और आज़ाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री रहे।
 
1934–35 में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के पश्चात, इन्दिरा ने [[शान्तिनिकेतन]] में [[रवीन्द्रनाथ टैगोर]] द्वारा निर्मित [[विश्व-भारती विश्वविद्यालय]] में प्रवेश लिया। रवीन्द्रनाथ टैगोर ने ही इन्हे "प्रियदर्शिनी" नाम दिया था। इसके पश्चात यह इंग्लैंड चली गईं और [[ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय]] की प्रवेश परीक्षा में बैठीं, परन्तु यह उसमे विफल रहीं और [[ब्रिस्टल]] के [[बैडमिंटन स्कूल]] में कुछ महीने बिताने के पश्चात, 1937 में परीक्षा में सफल होने के बाद इन्होने [[सोमरविल कॉलेज, ऑक्सफोर्ड]] में दाखिला लिया। इस समय के दौरान इनकी अक्सर फिरोज़ गाँधी से मुलाकात होती थी, जिन्हे यह [[इलाहाबाद]] से जानती थीं और जो [[लंदन स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स]] में अध्ययन कर रहे थे। अंततः 16 मार्च 1942 को आनंद भवन, इलाहाबाद में एक निजी आदि धर्म [[ब्रह्म]]-[[वेद|वैदिक]] समारोह में इनका विवाह फिरोज़ से हुआ।
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1950 के दशक में वे अपने पिता के भारत के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल के दौरान गैरसरकारी तौर पर एक निजी सहायक के रूप में उनके सेवा में रहीं। अपने पिता की मृत्यु के बाद सन् 1964 में उनकी नियुक्ति एक [[राज्यसभा]] सदस्य के रूप में हुई। इसके बाद वे [[लालबहादुर शास्त्री]] के मंत्रिमंडल में सूचना और प्रसारण मत्री बनीं।<ref>गाँधी, इंदिरा .1982 ''माई ट्रूथ / मेरी सच्चाई ''</ref>
 
श्री [[लालबहादुर शास्त्री]] के आकस्मिक निधन के बाद तत्कालीन [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस|काँग्रेस पार्टी]] अध्यक्ष [[के. कामराज]] इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री बनाने में निर्णायक रहे। गाँधी ने शीघ्र ही चुनाव जीतने के साथ-साथ [[जनप्रियता]] के माध्यम से विरोधियों के ऊपर हावी होने की योग्यता दर्शायी। वह अधिक बामवर्गी आर्थिक नीतियाँ लायीं और कृषि उत्पादकता को बढ़ावा दिया। [[१९७१ का भारत-पाक युद्ध|1971 के भारत-पाक युद्ध]] में एक निर्णायक जीत के बाद की अवधि में अस्थिरता की स्थिती में उन्होंने सन् 1975 में [[आपातकाल]] लागू किया। उन्होंने एवं काँग्रेस पार्टी ने 1977 के आम चुनाव में पहली बार हार का सामना किया। सन् 1980 में सत्ता में लौटने के बाद वह अधिकतर [[पंजाब (भारत)|पंजाब]] के [[अलगाववाद|अलगाववादियों]] के साथ बढ़ते हुए द्वंद्व में उलझी रहीं जिसमे आगे चलकर सन् 1984 में अपने ही अंगरक्षकों द्वारा उनकी राजनैतिक हत्या हुई।
 
== प्रारम्भिक जीवन ==