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'''पाकिस्तान आन्दोलन''' या '''तेहरीक'ए पाकिस्तान''' ({{lang-ur{{nastaliq|تحریک پاکستان}}}}) 20वीं सदी के भारतीय उपमहाद्वीप में हुए एक राजनीतिक आंदोलन का नाम था, जिसने अंत्यतः [[भारतवर्ष]] को [[भारत विभाजन|धारमिक रधांकनों पे विभाजित कर दिया। इसके परिणाम स्वरूप उपमहाद्वीप के [[भारतीय ब्रिटिश साम्रराज्य]] के उत्तर पश्चिमी के चार प्रांतों व पूर्व में [[पूर्वी बंगाल]] की स्वतंत्रता संयोजन से स्थापना हुई [[पाकिस्तान]] नामक एक [[स्वतंत्र]] [[इस्लामिक गणरज्य]] की।
बीसवीं सदी में ब्रिटिश भारत में एक अलग राष्ट्र जिसमें मुसलमानों का उचित प्रतिनिधित्व हो के लिए मुस्लिम नेताओं द्वारा चलाया गया आंदोलन था जिसके परिणामस्वरूप 1947 में पाकिस्तान का जन्म हुआ।
यह आन्दोलन [[भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन]] के समानांतर ही चला था। हालांकि, दोनो आंदोलनो का उद्देश्य एक ही था, पनंतू, पाकिस्तान आंदोलन का मुख्य उद्देश्य "'''भारतीय उपमहाद्वीप के मुसलमानों की धार्मिक पहचान और राजनीतिक हितों का संरक्षित व सुरक्षा था।'''" इस प्रसंग का पहला संगठित आंदोलन [[सैयद अहमद खान]] द्वारा [[अलिगढ़]] में हुआ था, जिसे [[अलीगढ़ आंदोलन]] के रूप में जाना जाने लगा था। यह आन्दोलन [[पाकिस्तान आंदोलन]] का आधार था। 1906 में, एक शैक्षिक सम्मेलन आयोजित किया गया जो धीरे धीरे मुस्लिम सुधारकों के आंदोलन से राजनीतिक चरण में तब्दील हो गया। इस बीच में, [[ऑल इंडिया मुस्लिम लीग]] का गठन किया गया था। गुरुत्वपूर्ण मुसलिम नेताओं द्वारा इसके गठन के पीछे का मूल उद्देश्य [[ब्रिटिश भारत]] में [[मुसलमान|मुसलमानों]] के मौलिक अधिकारों की रक्षा करना था। आंदोलन के प्रारंभिक दौर में मुस्लिम लीग के वार्षिक सत्रों ने [[अल्लामा इकबाल]] की दार्शनिक दृष्टिकोण व नेत्रित्व के अंतर्दत अंदोलन को आगे बढ़ाया। जिस्के पश्चात [[मुहम्मद अली जिन्ना]] के संवैधानिक प्रयासों ने आंदोलन के लिए जनसमर्थन बनाने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। उर्दू शायर इकबाल और फैज के साहित्य, कविता एवं भाषणों ने भी राजनीतिक चेतना के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इनके अलावा [[बेगम राणा लियाकत अली खान]] और फातिमा जिन्ना जैसी महिलाओं ने भी अपनी भूमिका निभाई थी।
नौकरीपेशे वाले लोगों ने भी पाकिस्तान आंदोलन में भाग लिया था। बाद में, [[भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1947]] पारित किया गया, जिसके अंतर्गत [[भारत अधिराज्य]] और [[पाकिस्तान अधिराज्य]] नामक दो स्वतंत्र स्वायत्य-उपनिवेश(डोमीनियन) की स्थापना की गई। पाकिस्तान आंदोलन कई माएनों में, सामाजिक, राजनैतिक एवं बौद्धिक प्रक्रिया का परिणाम था। इसके बाद [[पाकिस्तान]] के संस्थापकों ने एक मजबूत सरकार बनाने की प्रयास की जो की नवस्थापित देश के दोनों खंडों पर सफल नियंत्रण बनाए रख सके। 1958 में बाद में, पाकिस्तान में सैन्य तख्तापलट हुआ और राजनीतिक एवं आर्थिक भेदभाव, एवं अन्य कई मसलों के परिणामस्वरूप बांग्लादेश 1971 में एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में उभरा जो की उस समय तक [[पूर्वी पाकिस्तान]] था।
{{पाकिस्तान का इतिहास}}
==पृश्ठभूमी==
==नेत्रित्व==
==समय-रेखा==
==परिणाम==
==विरासत==
==इन्हें भी देखें==
==संदर्भ==
{{टिप्पणीसूची}}
{{आधार}}
[[श्रेणी:भारत का इतिहास]]
[[श्रेणी:पाकिस्तान का इतिहास]]
[[श्रेणी:सेवतंत्रता आन्दोलन]]
[[श्रेणी:भारतीय उपमहाद्वीप का इतिहास]]
[[श्रेणी:दक्षिण एशिया का इतिहास]]
[[श्रेणी:राजनीतिक आंदोलन]]
[[श्रेणी:२०वीं सदी के आंदोलन]]