"तुलनात्मक सुलाभ": अवतरणों में अंतर

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'''तुलनात्मक सुलाभ''' (comparative advantage) की संकल्पना के अनुसार, कुछ व्यक्ति, फर्म या राष्ट्र अन्य व्यक्तियों, फर्मों या राष्ट्रों की अपेक्षा कम मूल्य में उत्पादित कर सकते हैं। तुलनात्मक सुलाभ का सिद्धान्त (principle of comparative advantage) [[अन्तरराष्ट्रीय व्यापार]] की मूलभूत संकल्पना है जो कहती है कि राष्ट्र उन वस्तुओं के निर्माण और निर्यात में विशिष्टता प्राप्त करने की ओर अग्रसर होते हैं जिनको वे अन्य की अपेक्षा कम मूल्य पर उत्पन्न करने की क्षमता रखते हैं, तथा उन वस्तुओं का आयात करते हैं जिनका उत्पादन वे दूसरों की अपेक्षा अधिक मूल्य पर ही कर सकते हैं
 
तुलनात्मक सुलाभ का सिद्धान्त १९वीं शताब्दी में, अंग्रेज अर्थशास्त्री डेविड रिकार्डो (David Ricardo) ने १८१७ में अपनी पुस्तक ' Principles of Political Economy and Taxation' में प्रतिपादित किया था। यह सिद्धान्त [[आदम स्मिथ]] के निरपेक्ष मूल्य सुलाभ (absolute cost advantage) सिद्धान्त का विस्तार या संशोधन कहा जा सकता है।
 
[[श्रेणी:अर्थशास्त्र]]