"बेंजीन": अवतरणों में अंतर

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'''बेंज़ीन''' या '''धूपेन्य''' एक [[हाइड्रोकार्बन|उदप्रांगार]] है जिसका अणुसूत्र [[Carbon|C]]<sub>6</sub>[[Hydrogen|H]]<sub>6</sub> है। बेंजीन का अणु ६ [[कार्बन]] परमाणुओं से बना होता है जो एक छल्ले की तरह जुड़े होते हैं तथा प्रत्येक कार्बन परमाणु से एक [[हाइड्रोजन]] परमाणु जुड़ा होता है।
 
बेंजीन, [[पेट्रोलियमशिलारस]] (कच्चा तेल या क्रूड ऑयल) में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। [[कोयला|कोयले]] के शुष्क आसवन से [[अलकतरा]] तथा अलकतरे के [[प्रभाजी आसवन]] (fractional distillation) से बेंजीन बड़ी मात्रा में तैयार होता है। [[प्रदीपन गैस]] से प्राप्त तेल से [[फैराडे]] ने 1825 ई. में सर्वप्रथम इसे प्राप्त किया था। मिटशरले ने 1834 ई. में [[बेंज़ोइक अम्ल]] से इसे प्राप्त किया और इसका नाम बेंजीन रखा। अलकतरे में इसकी उपस्थिति का पता पहले पहल 1845 ई. में हॉफमैन (Hoffmann) ने लगाया था। [[जर्मनी]] में बेंजीन को 'बेंज़ोल' कहते हैं।
 
बेंजीन रंगहीन, मीठी गन्थ वाला, अत्यन्त ज्वलनशील द्रव है। इसका उपयोग [[एथिलबेंजीन्न]] और [[क्यूमीन]] (cumene) आदि भारी मात्रा में उत्पादित रसायनों के निर्माण में होता है। चूँकि बेंजीन का [[ऑक्टेन संख्या]] अधिक होती है, इसलिये [[पेट्रोल]] में कुछ प्रतिशत तक यह मिलाया गया होता है। यह [[कैंसरजन]] है जिसके कारण इसका गैर-औद्योगिक उपयोग कम ही होता है।
 
== गुण ==
धूपेन्य [[प्रांगार]] और [[हाइड्रोजन|उदजन]] का एक यौगिक, हाइड्रोकार्बनउदप्रांगार, है। यह वर्णहीन और प्रबल अपवर्तक द्रव है। इसका क्वथनांक 80 डिग्रीसें., ठोस बनने का ताप 5.5 डिग्रीसें. और घनत्व 0 डिग्रीसें. पर 0.899 है। इसकी गंध ऐरोमैटिक और स्वाद विशिष्ट होता है। [[जल]] में यह बड़ा अल्प विलेय, [[सुषव]] में अधिक विलेय तथा ईथर और कार्बन डाइसल्फाइड में सब अनुपातों में विलेय है। विलायक के रूप में रबर, गोंद, वस, गंधक और रेज़िन के घुलाने में प्रचुरता से प्रयुक्त होता है। जलते समय इससे धुंआँ निकलता है। रसायनत: यह सक्रिय होता है। [[क्लोरीन|नीरजी]] से दो प्रकार का यौगिक बनता है : एक योगशील और दूसरा प्रतिस्थापित यौगिक। [[गन्धकाम्ल]] से धूपेन्य गन्धकाम्ल, भूयिकाम्ल (नाइट्रिक अम्ल) से भूया (नाइट्रो) धूपेन्य और ओज़ोन से धूपेन्य ट्राइओज़ोनाइड, [C6H6 (O3)3] बनता है। अवकरण से [[धूपेन्य साइक्लो हेक्सेन]] बनता है।
 
विलायक के अतिरिक्त, धूपेन्य बड़ी मात्रा में ऐनिलीन, कृत्रिम प्रक्षालक, कृमिनाशक, डी.डी.टी., [[फ़िनोल|दर्शव]] (जिससे प्लास्टिक बनते हैं), इत्यादि के निर्माण में प्रयुक्त होता है। मोटर इंजन के लिए पेट्रोल में कुछ धूपेन्य मिलाने से पेट्रोल की उत्कृष्टता बढ़ जाती है।