"भारतीय उपमहाद्वीप का इस्लामी इतिहास": अवतरणों में अंतर

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== आरम्भिक काल ==
[[चित्र:QASIM.PNG|thumb|left|मोहम्मद-बिन-कासिम के राज्य की सीमाएं ]]
इस्लाम के प्रवेश के पहले बोद्ध एवं हिंदू धर्म उपमहाद्वीप के प्रमुख धर्म थे। मध्य एशिया और आज के पाकिस्तान एवं अफगानिस्तान में बोद्ध धर्म शताब्दियों से फल फुलफूल रहा था। खास कर के सिल्क रुट या [[रेशम मार्ग]] के किनारे इसका व्यापक फैलाव था।
;सिन्ध प्रान्त
छठवी शतबदी के प्रारम्भ में सिंध फारस साम्राज्य के आधीन था। सन ६४३ मे रशिदुन साम्राज्य ने अपने इस्लामिक राज्य के विस्तार के लिए सात सेनाएं साम्राज्य के सात कोनो में भेजी। इसमे से एक सेना फारस सामराज्य से सिंध प्रान्त के कुछ भाग को जीत कर लौटी। इस्लामिक सेनाएं सबसे पहले खलीफ [[उमर]] के नेतृत्व में सन ६४४ में सिंध पहुची. सन ६४४ में ही हाकिम इब्न अम्र, शाहब इब्न मखारक और अब्दुल्लाह इब्न उत्बन की सेन्य टुकडियों ने सिन्धु नदी के पश्चिमी किनारे पर एक युद्ध में सिंध के राज रसील के ऊपर विजय प्राप्त की। खलीफ उमर के शासन में सिन्धु नदी ही रशिदुन साम्राज्य की सीमा बन गई और इस्लामिक साम्राज्य उसके पार नही आया। खलीफ उमर की मृत्यु के पश्चात फारस साम्राज्य के अन्य प्रान्तों की तरह सिंध में भी विद्रोह हो गया। नए खलीफ उस्मान ने भी सिंध की दयनीय हालत को देखते हुए सेना को सिन्धु नदी को पार न करने का आदेश दिया। बाद के खलीफ अली ने भी सिंध के अन्दर प्रवेश करने में कोई ख़ास रूचि नही दिखाई।<ref> तरिख अल खुल्फ़, भाग :१, पृष्ठ १९७ </ref>