"ग्रेटर नोएडा": अवतरणों में अंतर

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== इतिहास ==
[[चित्र:Bismil Park2811.JPEG|thumb|left|200px|राम प्रसाद बिस्मिल उद्यान ग्रेटर नोएडा ]]
1980 के दशक में भारत सरकार ने यह अनुभव किया कि जिस प्रकार राजधानी दिल्ली की जनसंख्या बढ़ रही है उसे देखते हुए निकट भविष्य में समस्या खड़ी हो सकती है। अत: दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश व [[हरियाणा]] प्रान्तों के कुछ क्षेत्रों में आवासीय एवं औद्योगिक विकास हेतु योजनाओं का विचार किया गया और [[गुड़गाँव]] व नोएडा और ग्रेटर नौएडा जैसे नये नगर बसाये गये।
इस्से पहले नौएडा और ग्रेटर नौएडा को [[भटनेर]] नाम से जाना जाता था।
नोएडा में हुए विकास का जायजा लिया गया तो सरकार को लगा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को और अधिक विस्तृत किया जा सकता है इससे भारत की अर्थव्यवस्था और भी सुदृढ़ होगी। अतएव उन्नीस सौ नब्बे के दशक में ग्रेटर नोएडा की नींव रखी गयी। पहले ग्रेटर नोएडा का मुख्य कार्यालय नोएडा के सेक्टर 20 में अस्थायी रूप से खोला गया और वरिष्ठ आई॰ए॰एस॰ अधिकारी [[योगेन्द्र नारायण]] को इसका चेयरमैन तथा गणेश शंकर त्रिपाठी को उनका सचिव नियुक्त किया गया। बाद में जब शुरुआती तीन सेक्टर - अल्फ़ा, बीटा और गामा कुछ-कुछ बसने लगे तो इसका प्रशासनिक कार्यालय भी ग्रेटर नोएडा में रामपुर जागीर गाँव के सामने सेक्टर गामा-II में स्थापित हो गया।