"गौतम बुद्ध नगर जिला": अवतरणों में अंतर

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== इतिहास ==
[[चित्र:Bismil Park2811.JPEG|thumb|left|150px|[[राम प्रसाद 'बिस्मिल'|बिस्मिल उद्यान]], [[ग्रेटर नोएडा]]]]
इस जिले की स्थापना 9 जून 1997 को [[बुलन्दशहर]] एवं [[गाजियाबाद]] जिलों के कुछ ग्रामीण व अर्द्धशहरी क्षेत्रों को काटकर की गयी थी। आज इसमें [[नोएडा]] व ग्रेटर नोएडा जैसे व्यावसायिक उप महानगर शामिल हो चुके है। [[दादरी]] विधान सभा क्षेत्र भी इसी जिले का एक हिस्सा बन चुका है।<ref>http://gbnagar.nic.in/</ref> वह दादरी जहाँ की जनता ने 1857 के प्रथम स्वातन्त्र्य समर में काफी योगदान दिया था। दादरी के राव उमराव सिंह समेत आसपास के 84 लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम की क्रांति में स्वतन्त्रतामहत्वपूर्ण सेनानीभूमिका निभाई। बुलंदशहर से लेकर लालकुंआ तक के बीच के हिस्से में क्रांतिकारियों ने अंग्रेजी शासन की नाक में दम कर दिया था। जिस पर अंग्रेजों ने राव उमराव सिंह कीसमेत मूर्तिक्षेत्र के 84 क्रांतिकारियों को बुलंदशहर के काला आम पर फांसी लगाई थी। जिससे चलते आज भी देखीबुलंदशहर जाका सकतीकाला आम चर्चित है। इससेवहीं भीअंग्रेजी पूर्वहकूमत 11ने सितम्बरक्रांतिकारियों के परिवार के 1803संपत्ति को ब्रिटिशछीन आर्मीलिया गया मराठोंथा। कीउनके सेनामकानों केको बीचतोड़ हुएदिया निर्णायकगया युद्धथा। केशहीदों स्मारककी केयाद रूपमें आज भी दादरी तहसील पसिसर में [[नोएडा]]स्थित आज भी शहीद स्तंभ मौजूद है। जिस पर 84 क्रांतिकारियों के गोल्फनाम कोर्सअंकित परिसरहै। वहां दादरी के अन्दरमैन ब्रिटिशतिराहे जनरलपर गेरार्डराव लेकउमराव सिंह की स्मृतिप्रतिमा स्थित है। हर साल उनकी याद में 15 अगस्त और 26 जनवरी को दर्शाताविभिन्न अंग्रेजसमाजसेवी वास्तुविदसंगठनों एफ़॰और लिस्मनप्रमुख लोगों के द्वारा बनायाकार्यक्रमों हुआका "जीतगढ़आयोजन स्तम्भ"किए आजजाते भीहै। दूर सेदादरी हीमें दिखायीस्वतन्त्रता देतासेनानी है।राव उमराव सिंह की मूर्ति आज भी देखी जा सकती है।
इससे भी पूर्व 11 सितम्बर 1803 को ब्रिटिश आर्मी व मराठों की सेना के बीच हुए निर्णायक युद्ध के स्मारक के रूप में [[नोएडा]] के गोल्फ कोर्स परिसर के अन्दर ब्रिटिश जनरल गेरार्ड लेक की स्मृति को दर्शाता अंग्रेज वास्तुविद एफ़॰ लिस्मन द्वारा बनाया हुआ "जीतगढ़ स्तम्भ" आज भी दूर से ही दिखायी देता है।
 
ऐतिहासिक दृष्टि से यहाँ का दनकौर, बिसरख, रामपुर जागीर व नलगढ़ा गाँव कई स्मृतियाँ संजोये हुए है। दनकौर में [[द्रोणाचार्य]] तथा बिसरख में [[रावण]] के पिता विश्वेश्रवा ऋषि का प्राचीन मन्दिर आज भी स्थित है। [[ग्रेटर नोएडा]] स्थित रामपुर जागीर गाँव में स्वतन्त्रता संग्राम के दौरान सन् 1919 में [[मैनपुरी षड्यन्त्र]] करके फरार हुए सुप्रसिद्ध क्रान्तिकारी [[राम प्रसाद 'बिस्मिल']] भूमिगत होकर कुछ समय के लिये रहे थे और यहाँ के गूजरों के जानवर चराते हुए पुस्तकों का [[अनुवाद]] किया था।<ref>http://myupwebsite.com/gautam-buddha-nagar.html</ref> नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे के किनारे स्थित नलगढ़ा गाँव में [[भगत सिंह]] ने भूमिगत रहते हुए कई बम-परीक्षण किये थे। वहाँ आज भी एक बहुत बड़ा [[पत्थर]] सुरक्षित रखा हुआ है।