"राम प्रसाद 'बिस्मिल'": अवतरणों में अंतर
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|जीवनसंगी =
|माता-पिता = मूलमती/ मुरलीधर
|भाई/बहन =रमेश सिंह,शास्त्री देवी,ब्रह्मादेवी ,भगवती देवी
|जन्मस्थल = [[शाहजहाँपुर]], [[ब्रिटिश भारत]]
|मृत्युस्थल = [[गोरखपुर]], [[ब्रिटिश भारत]]
|शिक्षा =हिन्दी, उर्दू,अंग्रेजी
|उपजीविका = कवि, साहित्यकार
|धर्म = हिंदू
|राष्ट्रीयता = भारतीय
|स्मारक = अमर शहीद पं॰ राम प्रसाद बिस्मिल उद्यान, [[ग्रेटर नोएडा]] </br> संग्रहालय, [[शाहजहाँपुर]]
अमर शहीद पं रामप्रसाद बिस्मिल संग्रहालय, िजला-मुरैना,म.प्र.
}}
'''राम प्रसाद 'बिस्मिल'''' (११ जून १८९७-१९ दिसम्बर १९२७) [[भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन]] की क्रान्तिकारी धारा के एक प्रमुख [[स्वतंत्रता सेनानी| सेनानी]] थे, जिन्हें ३० वर्ष की आयु में [[ब्रिटिश राज|ब्रिटिश सरकार]] ने [[फाँसी]] दे दी। वे मैनपुरी षड्यन्त्र व काकोरी-काण्ड जैसी कई घटनाओं मे शामिल थे तथा हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के सदस्य भी थे।
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== पूर्वज ==
[[चित्र:Bismil statue.gif|thumb|right|200px|मुरैना (म॰प्र॰) के बरबई गाँव में राम प्रसाद बिस्मिल की प्रतिमा]]
बिस्मिल के दादा जी नारायण लाल का पैतृक गाँव बरबई था। यह गाँव तत्कालीन [[ग्वालियर]] राज्य में [[चम्बल नदी]] के बीहड़ों के बीच स्थित तोमरधार क्षेत्र के [[मुरैना]] जिले में था और वर्तमान में यह [[मध्य प्रदेश]] में है।
कालान्तर में यह परिवार [[उत्तर प्रदेश]] के ऐतिहासिक नगर शाहजहाँपुर आ गया। शाहजहाँपुर में मुन्नूगंज के फाटक के पास स्थित एक अत्तार की दुकान पर मात्र तीन रुपये मासिक में नारायण लाल ने नौकरी कर ली। इतने कम पैसे में उनके परिवार का गुज़ारा नहीं होता था। बिस्मिल की दादी विचित्रा देवी ने अपने पति का हाथ बटाने के लिये अनाज पीसने का कार्य शुरू कर दिया। यह सिलसिला लगभग दो-तीन वर्षों तक चलता रहा।<ref name="चौहान"></ref>
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