"असुर (आदिवासी)": अवतरणों में अंतर

No edit summary
"सुषमा_असुर_२.jpg" को हटाया। इसे कॉमन्स से Taivo ने हटा दिया है। कारण: Copyright violation; see c:Commons:Licensing: [[:c:Commons:Deleti
पंक्ति 1:
 
'''असुर''' [[भारत]] में रहने वाली एक प्राचीन [[आदिवासी]] समुदाय है। असुर जनसंख्या का घनत्व मुख्यतः [[झारखण्ड]] और आंशिक रूप से [[पश्चिम बंगाल]] और [[उड़ीसा]] में है। झारखंड में असुर मुख्य रूप से [[गुमला]], लोहरदगा, [[पलामू]] और [[लातेहार]] जिलों में निवास करते हैं। समाजविज्ञानी के. के. ल्युबा के अनुसार वर्तमान असुर [[महाभारत]] कालीन असुर के ही वंशज है।
असुर जनजाति के तीन उपवर्ग हैं- बीर असुर, विरजिया असुर एवं अगरिया असुर. बीर उपजाति के विभिन्न नाम हैं, जैसे सोल्का, युथरा, कोल, जाट इत्यादि. विरजिया एक अलग आदिम [[जनजाति]] के रूप में अधिसूचित है।
Line 38 ⟶ 37:
 
== '''चुनौतियाँ''' ==
 
[[File:सुषमा असुर २.jpg|thumb|सुषमा असुर]]
वर्तमान समय में झारखण्ड में रह रहे असुर समुदाय के लोग काफी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। समुचित [[स्वास्थ्य सेवा]], [[शिक्षा]], [[परिवहन]], [[पीने का पानी]] आदि जैसी मूलभूत सुविधाएँ भी इन्हें उपलब्ध नहीं है।
लोहा गलाने और बनाने की परंपरागत आजीविका के खात्मे तथा खदानों के कारण तेजी से घटते कृषि आधारित अर्थव्यवस्था ने असुरों को गरीबी के कगार पर ला खड़ा किया है। नतीजतन पलायन, विस्थापन एक बड़ी समस्या बन गई है। गरीबी के कारण नाबालिग असुर लड़कियों की [[तस्करी]] अत्यंत चिंताजनक है। ईंट भट्ठों और असंगठित क्षेत्र में मिलनेवाली दिहाड़ी मजदूरी भी उनके आर्थिक-शारीरिक और सांस्कृतिक शोषण का बड़ा कारण है।