"महिलाओं के अधिकार": अवतरणों में अंतर

No edit summary
No edit summary
पंक्ति 1:
[[File:Annie Kenney and Christabel Pankhurst.jpg|thumb|right|महिलाओं के वोट के लिए अभियान कर रही कुछ महिला]]
महिलओं के हक, वह हक है जो प्रत्येक महिला या बालिका का विश्वव्याप्त समाजों में पहचाना हुआ जन्मसिद्ध अधिकार या हक है। १९वीं सदी में महिला हक संग्राम और २०वीं सदी में फेमिनिस्ट आंदोलन का यह आधार रहा है। कई देशो में यह हक कानूनी तौर पर, अंदरूनी समाज द्वारा या लोगों के व्य्वहार में लागू होता है तो कई देशो में यह प्रचलित नहीं है। कई देशो मे व्यापक तौर पर मानवाधिकार का दावा निहीत इतिहासिक और परम्परागत झुकाव के नाम पर महिलाओ और बालिकाओ का हक पुरुषो और बालको के पक्ष में दे दिया जाता है।
महिलाओं के अधिकार के विषय मे कुछ हक अखंडता और स्वायत्तता शारीरिक करने की आजादी, यौन हिंसा से मुक्ति; मत देने की आजादी; सार्वजनिक पद धारण करने की आजादी; कानूनी करोबार मे प्रवेश करने की आजादी;पारिवारिक कानून मे बराबर हक; काम करने की आजादी और समान वेतन की प्राप्ति; प्रजनन अधिकारों की स्वतंत्रता; शिक्षा प्रप्ति का अधिकार।