"गुर्जर": अवतरणों में अंतर

[अनिरीक्षित अवतरण][अनिरीक्षित अवतरण]
छोNo edit summary
Kurmi vishal (वार्ता) द्वारा किए बदलाव 3029011 को पूर्ववत किया
पंक्ति 2:
[[चित्र:Bakitar Gujar, 1984.jpg|thumb|240px|[[अफ़्ग़ानिस्तान]] में बच्चे, बाए तरफ से पहला बच्चा गुर्जर है]]
'''गुर्जर''' समाज, प्राचीन एवं प्रतिष्ठित समाज में से एक है। यह समुदाय गुज्जर, गूजर, गोजर, गुर्जर, गूर्जर और वीर गुर्जर नाम से भी जाना जाता है। मुख्यत: गुर्जर [[उत्तर भारत]], [[पाकिस्तान]] और [[अफ़्ग़ानिस्तान]] में बसे हैं। इस जाति का नाम [[अफ़्ग़ानिस्तान के राष्ट्रगान]] में भी आता है। गुर्जरों के ऐतिहासिक प्रभाव के कारण उत्तर भारत और पाकिस्तान के बहुत से स्थान गुर्जर जाति के नाम पर रखे गए हैं, जैसे कि भारत का [[गुजरात राज्य]], [[पाकिस्तानी पंजाब]] का [[गुजरात ज़िला]] और [[गुजराँवाला ज़िला]] और [[रावलपिंडी ज़िले]] का गूजर ख़ान शहर।
 
== उत्पत्ति ==
गुर्जर अभिलेखो के हिसाब से ये सूर्यवंशी या रघुवंशी है। प्राचीन महाकवि राजसेखर ने गुर्जरो को रघुकुल-तिलक तथा रघुग्रामिणी कहा है।<ref name="ref99lomof">[http://books.google.co.in/books?id=gUAvuYu-otEC&pg=PA64&dq Some aspects of ancient Indian culture], Devadatta Ramakrishna Bhandarkar, Asian Educational Services, Page 64, 1989, ISBN 978-81-206-0457-5</ref> ७ वी से १० वी शतब्दी के गुर्जर शिलालेखो पर सुर्यदेव की कलाकर्तीया भी इनके सुर्यवन्शी होने की पुष्टि करती है।<ref name="ref93rafah">[http://books.google.com/books?id=A00VAAAAMAAJ Sun-worship in ancient India], Lalta Prasad Pandey, Motilal Banarasidass, Page 245, 1971</ref> [[राजस्थान]] में आज भी गुर्जरो को सम्मान से 'मिहिर' बोलते है, जिसका अर्थ '[[सूर्य]]' होता है<ref>Gazetteer of the Bombay Presidency, Volume 9, Part 1, Bombay (India : State), Govt. Central Press, Page 479, 1901</ref><ref name="ref87doqeb">Śri Śaṅkara Bhagavatpādācārya's Saundaryalaharī, Chandrasekharendra Saraswati (Jagatguru Sankaracharya of Kamakoti), Bharatiya Vidya Bhavan, Page 339, 2001</ref> कुछ इतिहासकरो के अनुसार गुर्जर [[मध्य एशिया]] के [[कॉकस क्षेत्र]] (अभी के [[आर्मेनिया]] और [[जॉर्जिया]]) से आए [[आर्य]] योद्धा थे।कुछ जानकार इन्हे विदेशी भी बताते है क्योन्कि गुर्जरो का नाम एक अभिलेख मे हूणों के साथ मिलता है, परन्तु इसका कोई एतिहासिक प्रमाण नही है।
 
[[संस्कृत]] के विद्वानों के अनुसार, गुर्जर शुद्ध संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ 'शत्रु का नाश करने वाला' अर्थात 'शत्रु विनाशक' होता है।<ref name="ref04vugiq">[http://books.google.com/?id=zxtuAAAAMAAJ&q=gurjar+in+ramayan&dq=gurjar+in+ramayan&cd=4 Gujjars of Jammu and Kashmir], Indira Gandhi Rashtriya Manav Sangrahalaya, Page 4, ''... 'Gurjar' is a sanskrit word which has been explained thus: Gur+Ujjar; 'Gur' means 'enemy' and 'ujjar' means 'destroyer'. The word means 'Destroyer of the enemy' ...''</ref><ref name="ref28cocej">[http://books.google.com/?id=CsjUAAAAMAAJ&cd=4&dq=Gurjar+origin&q=gurjar#search_anchor Census of India, Volume 20, Part 6, Issue 27], India. Office of the Registrar General, Manager of Publications, Page 7, 1961, ''... These people used to enjoy a title of 'Gorjan' (Leader of masses).In sanskrit the word Gurjar was used and now-a-days Gujjar is used in place of Gurjar which predicts the qualities of a warrior community ...''</ref> प्राचीन महाकवि राजशेखर ने गुर्जर नरेश महिपाल को अपने महाकाव्य मे ''दहाड़ता गुर्जर'' कह कर सम्बोधित किया है।<ref name="ref86jihoq">Gazetteer of the Bombay Presidency, Volume 9, Part 1, Bombay (India : State), Govt. Central Press, Page 481, 1901, ''... With the 'roaring Gujar' an ephithet in the Kupadvanj Rashtrakutta grant of AD 910 ...''</ref>
 
कुछ इतिहासकर [[कुषाणों]] को गुर्जर बताते है तथा [[कनिष्क]] के [[रबातक शिलालेख]] पर अन्कित 'गुसुर' को गुर्जर का ही एक रूप बताते है। उनका मानना है कि गुशुर या गुर्जर लोग विजेता के रूप मे भारत मे आये क्योंकि गुशुर का अर्थ 'उच्च कुलीन' होता है।<ref name="ref58vehaf">[http://books.google.co.in/books?id=HPa5TwBTd8oC&pg=PA94&dq Bharatiya Samantvaad], Ramsharan Sharma, राजकमल प्रकाशन</ref>.
 
== गुर्जर साम्राज्य ==
{{प्रतिलिपि संपादन}}
इतिहास के अनुसार ५वी शदी मे भीनमाल गुर्जर सम्राज्य की राजधानी थी तथा इसकी स्थापना गुर्जरो ने की थी। भरुच का सम्राज्य भी गुर्जरो के अधीन था। चीनी यात्री [[ह्वेन्सान्ग]] अपने लेखो मे गुर्जर सम्राज्य का उल्लेख करता है तथा इसे 'kiu-che-lo' बोलता है।<ref name="ref06vefid">[http://persian.packhum.org/persian/index.jsp?serv=pf&file=80201011&ct=90 Juzr or Jurz], Persian Texts in Translation, The Packard Humanities Institute, Accessed 2007-05-31</ref> छठी से 12 वीं सदी में गुर्जर कई जगह सत्ता में थे। गुर्जर-प्रतिहार वंश की सत्ता [[कन्नौज]] से लेकर [[बिहार]], [[उत्तर प्रदेश]], [[महाराष्ट्र]] और [[गुजरात]] तक फैली थी। मिहिरभोज को गुर्जर-प्रतिहार वंश का बड़ा शासक माना जाता है और इनकी लड़ाई बंगाल के पाल वंश और दक्षिण-भारत के राष्ट्रकूट शासकों से होती रहती थी। 12वीं सदी के बाद प्रतिहार वंश का पतन होना शुरू हुआ और ये कई हिस्सों में बँट गए जैसे राजपूत वंश (चौहान,सोलांकी,चदीला और परमार)|अरब आक्रान्तो ने गुर्जरो की शक्ति तथा प्रसाशन की अपने अभिलेखो मे भूरि-भूरि प्रशंसा की है।<ref name="ref64libuj">[http://books.google.co.in/books?id=3aeQqmcXBhoC&pg=PA195&dq India: a history], John Keay, Grove Press, Page 95, 2001, ISBN 978-0-8021-3797-5</ref>
इतिहासकार बताते है कि मुगल काल से पहले तक लगभग पुरा [[राजस्थान]] तथा [[गुजरात]], गुर्जरत्रा (गुर्जरो से रक्षित देश) या गुर्जर-भुमि के नाम से जाना जाता था।<ref>{{cite book|title=The History and Culture of the Indian People: The classical age|author=Ramesh Chandra Majumdar|coauthor=Achut Dattatrya Pusalker, A. K. Majumdar, Dilip Kumar Ghose, Vishvanath Govind Dighe, Bharatiya Vidya Bhavan|publisher=Bharatiya Vidya Bhavan|year=1977|page=153}}</ref>[[अरब]] लेखकों के अनुसार गुर्जर उनके सबसे भयंकर शत्रु थे तथा उन्होंने ये भी कहा है कि अगर गुर्जर नहीं होते तो वो भारत पर 12वीं सदी से पहले ही अधिकार कर लेते।<ref name="ref64libuj"/>
१८वी सदी में भी गुर्जरो के कुछ छोटे छोटे राज्य थे। दादरी के गुर्जर राजा, दरगाही सिन्ह के अधीन १३३ ग्राम थे।[[मेरठ]] का राजा [[गुर्जर नैन सिंह]] था तथा उसने परिक्शित गढ का पुन्रनिर्माण करवाया था। भारत गजीटेयर के अनुसार १८५७ की क्रान्ति मे, गुर्जर तथा ब्रिटिश के बहुत बुरे दुश्मन साबित हुए। गुर्जरो का [[1857]] की क्रान्ति मे भी अहम योगदान रहा है। [[कोतवाल धानसिंह गुर्जर]] [[1857]] की क्रान्ति का शहीद था।।<ref>{{cite book|title=The History and Culture of the Indian People: The classical age|author=Ramesh Chandra Majumdar|coauthor=Achut Dattatrya Pusalker, A. K. Majumdar, Dilip Kumar Ghose, Vishvanath Govind Dighe, Bharatiya Vidya Bhavan|publisher=Bharatiya Vidya Bhavan|year=1977|page=153}}</ref>इस वीर गुर्जर जाति मे अनेकों महापुरुषों ने जन्म लिया, जैसे [[गायत्री माता]], जो ब्रह्मा जी की अर्धांग्नी रही, [[नन्द बाबा]], जो भगवान [[कृष्णा]] के पालक-पोषक रहे, [[राधा]] जैसी गुर्जरी जो भगवान [[कृष्णा]] की संगिनी रही, [[सवाई भोज]] जैसे वीर पैदा हुए, जिन्होंने अपने वचनों के लिए रानी जयन्ती को अपना शीष काट के दे दिया, [[साडू माता गुर्जरी]] जैसी गुर्जरी पैदा हुई, [[भगवान देव नारायण]] ने कमल पुष्प में अवतार लिया और साडू माता की झोली में आकर खेले, [[पन्ना धाय]] जैसी वीरांगना पैदा हुई, जिसने अपने बेटे चन्दन का बलिदान देकर उदय सिंह के प्राण बचाए,[[बिशालदेव गुर्जर बैसला] (अजमेर शहर के संस्थापक) जैसे वफादार दोस्त हुए जिन्होने दिल्ली का शासन तंवर राजाओ को दिलाने मे पूरी जी- जान लगा दीये ,[[विजय सिंह पथिक]] जैसे क्रांतिकारी नेता हुए, जो राजा-महाराजा किसानो को लूटा करते थे, उनके खिलाफ आँदोलन चलाकर उन्होंने किसानो को मजबूत किया,मोतीराम बैसला जैसे पराक्रमि हुए जिन्होने मुगलो औऱ जाटो को आगरा मे ही रोक दिया | धन सिंह जी कोतवाल हुए, जिन्होंने सबसे पहले मेरठ में अंग्रेजों से लड़ने का विगुल बजाया, [[सरदार वल्लभ भाई पटेल ]] जैसा महापुरुष पैदा हुआ, जिन्होंने पूरे देश के राजा-महाराजो की विरासत को एक करके नवभारत का निर्माण किया। इस देश की रक्षा के लिए इस [[वीर गुर्जर]] जाति ने लाखो बच्चो की कुर्बानियाँ दी थी, अंग्रेजों की नाक में नकेल कसने वाले गुर्जरों को अंग्रेजों ने क्रिमिनल ट्राइब (यानी बदमाश समुदाय) कह कर पुकारा था। इसलिए उस वक़्त अंग्रेज़ों की सरकार ने गुर्जरों को बागी घोषित कर दिया था, इसी वजह से [[गुर्जर ]] जंगलों और पहाड़ों में रहने लगे और इसी वजह [[ गुर्जर]] पढाई-लिखाई से वंचित रह गये। 21 वी शताब्दी मे '''कर्नल किरोडी सिंह बैंसला''' ने गुर्जर जाति को अंतरार्ष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है और आजकल गुर्जर समाज के लोग पढाई - लिखाई पर भी ध्यान देने लगे है जिससे सामाजिक स्तर भी सुधरा है <ref name="ref06vefid">[http://persian.packhum.org/persian/index.jsp?serv=pf&file=80201011&ct=90 Juzr or Jurz], Persian Texts in Translation, The Packard Humanities Institute, Accessed 2007-05-31</ref>.
 
'''गुर्जर मुगल युग मे'''
 
17 वीं सदी की शुरुआत में, वास्तव में गुज्जरों की शुरुआत मुगल काल में मुगल सम्राट औरंगजेब की गिरावट थी। उस बिंदु पर समय के गुज्जरों की एक वृद्धि हुई शक्ति थी। अंत में औरंगजेब विभिन्न principalities में गुज्जर नेताओं का आधिपत्य स्वीकार किए जाते हैं।
 
मुख्य गुज्जर की शक्ति मुगल युग का उल्लेख कर रहे हैं नीचे -
*भरतपुर जिला के गुर्जर
*पलवल और आगरा के बैसला (राजा मोतीराम बैसला)
*दादरी के भाटी (राव उमराव भाटी)
*Partikisatgarh मे नागर (राजा नैन सिंह)
*लंधोर के पंवार (कूम्बड्ड)
*गुर्जरगढ के जूदेवGujjgar
*समथेर के गाजी खान
बरोला के बैसोया ( सूखवीर बैसोया )
गुर्जर और जाट सूरजमल जाट के समय में एक साथ खड़ा था। उनकी हत्या के बाद, अपने चौथे बेटे रणजीत सिंह और गुर्जर प्रमुख मोतीराम बैसला सुनडरोली,आगरा की संधि की एक संधि पर हस्ताक्षर किए। के रूप में सूरजमल अपने बेटे पर आगे ले गया था मोतीराम बैसला भरतपुर की सेना प्रमुख बने। 1803 CE, एक जिद्दी लड़ाई, बाद में गुज्जरों और जाटों पराजित रहे थे और इस प्रकार, भरतपुर जिले के तहत ब्रिटिश शासकों के एक छोटे इलाके के रूप में बने रहे।
 
दवे के साथ साथ भाटी गूजर और काला गुज्जर के एक महान शरीर के दक्षिण दिल्ली कसना पर उनके सिर तिमाही के साथ यमुना नदी के दोनों किनारों पर बसे। भाटी गुर्जर 360 और बैसलो ने 280 गांवों पर कब्जा कर लिया। गूजर की शक्ति के बारे में दिल्ली दौर CE शेरशाह 1540 में महसूस किया है और वे उनके खिलाफ कार्यवाही जोरदार लगा। अकबर यह क्षेत्र बसा ये उपद्रवी गूजर की अनुमति दी। मृत्यु के बाद औरंगजेब दक्षिण की मराठा फ़ौज उत्तर लुट और गूजर फिर बाहों पर ले लिया। एक और भाटी गुर्जर प्रमुख अर्थात् राव Amra अनियंत्रित प्रमुख Bhurta कबीले का तख्ता पलट दिया और खुद दादरी में राजा के रूप में स्थापित किया था। जब ब्रिटिश क्षेत्र पर कब्जा कर लिया उसके उत्तराधिकारी राजा रोशन सिंह का हुक्म था।
 
गाज़ी खान बलूच १७१० CE के बारे में के पास अपने नाम के बाद एक शहर डेरा गाज़ी खान की स्थापना की। गाज़ी खान बलूच व्यवस्थापक के रूप में नियुक्त किया गया था और उन्होंने खुद को एक महान प्रशासक के रूप में साबित कर दिया। महमूद खटाना उसकी गुर्जर सैन्य जायदाद के साथ सिंधु नदी को पार कर गया और पूरे क्षेत्र जिले के Mujjafargarh और फैसलाबाद उसकी कुल नियंत्रण के तहत होंगें लाया। वह डेरा गाज़ी ख़ान पर एक किले का निर्माण किया। ब्रिटिश गुर्जर घर ग्वालियर और इसके भिंड, Murena और धौलपुर और उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के एक हिस्से के जिलों के लिए एकीकृत क्षेत्र के कुछ भागों को कब्जे में लिया। हर गुर्जर गुर्जर घर में अपने ही क्षेत्र रखती है। महाराष्ट्र में गुज्जरों के पूर्वजों destroted और है कि क्यों वे दक्षिण में माइग्रेट किया गया था। वास्तव में गुज्जरों की एक उप-जाति Samshergarh के शासकों थे। वे खटाना उप-जाति के थे।
 
लेकिन दुर्भाग्य से, इन राज्यों के अधिकांश और शक्तियों के गुज्जरों के ब्रिटिश शासकों के द्वारा समाप्त हो रहे थे।<ref>http://m.indianetzone.com/artical.aspx?iwebpageid=22013</ref>.
 
== आधुनिक स्थिति ==
प्राचीन काल में युद्ध कला में निपुण रहे गुर्जर मुख्य रूप से [[खेती]] और [[पशुपालन]] के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। गुर्जर अच्छे योद्धा माने जाते थे और इसीलिए भारतीय सेना में अभी भी इनकी अच्छी ख़ासी संख्या है।भारत मे गुर्जर की लगभग 20 करोड की जनसंख्या है, गुर्जर [[महाराष्ट्र]] (जलगाँव जिला), [[दिल्ली]], [[राजस्थान]], [[हरियाणा]], [[मध्य प्रदेश]], [[उत्तर प्रदेश]], [[हिमाचल प्रदेश]], [[जम्मू कश्मीर]] जैसे राज्यों में फैले हुए हैं। राजस्थान में सारे गुर्जर हिंदू हैं। सामान्यत: गुर्जर हिन्दू, सिख, मुस्लिम आदि सभी धर्मो मे देखे जा सकते हैं। मुस्लिम तथा सिख गुर्जर, हिन्दू गुर्जरो से ही परिवर्तित हुए थे। पाकिस्तान में गुजरावालां, फैसलाबाद और लाहौर के आसपास इनकी अच्छी ख़ासी संख्या है।
 
== स्त्रोत ==
<small>{{reflist|2}}</small>
 
[[श्रेणी:कश्मीर]]
[[श्रेणी:भारत की मानव जातियाँ]]
[[श्रेणी:पाकिस्तान की जातियाँ]]
[[श्रेणी:अफ़्गानिस्तान की जातियाँ]]
[[श्रेणी:भारत का इतिहास]]
[[श्रेणी:भारत की योद्धा जातियाँ]]