"संमिलन सीमा": अवतरणों में अंतर

पंक्ति 1:
[[भूवैज्ञानिक]] [[प्लेट विवर्तनिकी]] में '''संमिलन सीमा''' (convergent boundary) वह सीमा होती है जहाँ [[पृथ्वी]] के [[स्थलमण्डल]] (लिथोस्फ़ीयर) के दो [[भौगोलिक तख़्ते]] (प्लेटें) एक दूसरे की ओर आकर टकराते हैं या आपस में घिसते हैं। ऐसे क्षेत्रों में दबाव और रगड़ से [[भूप्रावार]] (मैन्टल) का पत्थर पिघलने लगता है और [[ज्वालामुखी]] तथा [[भूकम्पन घटनाओं]] में से एक या दोनों मौजूद रहते हैं। संमिलन सीमाओं पर या तो एक तख़्ते का छोर दूसरे तख़्ते के नीचे दबने लगता है या फिर महाद्वीपीय टकराव होता है।<ref name="butler">Butler, Rob (October 2001). [http://www.see.leeds.ac.uk/structure/dynamicearth/himalayas/deformation/index.htm Where and how do the continents deform?], [http://www.see.leeds.ac.uk/structure/dynamicearth/himalayas/index.htm Himalayan tectonics], [http://www.see.leeds.ac.uk/structure/dynamicearth/ Dynamic Earth]. School of Earth Sciences, University of Leeds. Accessed 2008-01-29.</ref>
 
== निम्नस्खलन और उपरस्खलन ==
यदि संमिलन सीमा पर एक प्लेट दूसरे के नीचे खिसककर (स्खलित होकर) दबने लगे तो इस प्रक्रिया को [[निम्नस्खलन]] (सबडक्शन, subduction) कहते है और उस दबी हुई प्लेट को निम्नस्खलित प्लेट (subducted plate) कहते हैं। इस स्थिति में ऊपर चढ़ी हुई प्लेट को उपरस्खलित प्लेट (obducted plate) कहते हैं। एशिया में [[भारतीय प्लेट]] के [[यूरेशियाई प्लेट]] की संमिलन सीमा पर भारतीय प्लेट के निम्नस्खलन से ही [[हिमालय]] व [[तिब्बत के पठार]] की उच्चभूमि का निर्माण हुआ है।
 
== तीन प्रकार की संमिलन सीमाएँ ==