"डीज़ल इंजन": अवतरणों में अंतर
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डीज़ल इंजनों का वर्गीकरण कई ढंग से आया है, पर सामानय वर्गीकरण उनकी चाल पर आधारित है। जो इंजन प्रति मिनट 1,200 या इससे अधिक परिक्रमण करता है उसे उच्च चाल इंजन, जो प्रति मिनट 500 या इससे कम परिक्रमण करता है उसे निम्न चाल इंजन और इन दोनों के बीच की चाल वाले इंजन को मध्य चाल इंजन कहते हैं।
उच्च चाल इंजन छोटे बोरे (bore), अर्थात् 6 इंच या इससे भी कम माप, के होते हैं, ताकि वे आकार और शक्ति उत्पादन में गैसोलिन इंजन के साथ प्रतियोगिता कर सकें। सिलिंडर की व्यवस्था सामान्यत: पक्तियों में या V आकृति की रहती है। उसके सहायक अंग विद्युत स्टार्टर, तैल पंप, जल पंप और शीतलन तंत्र हैं, जो इंजन के अभिन्न अंग ही होते हैं। इंजन में शायद ही प्रत्यक्ष पतिवर्ती एकक होता हो। यदि प्रतिवर्तन की आवश्यकता हो तो प्रतिवर्ती गियर अलग से जोड़ दिया जाता है। दहन की सुविधा के लिये उच्च चालवाले इंजन में बहुधा क्षोभनकक्ष (turbulence chamber) वायु या ऊर्जा सेल रहते हैं। पिस्टन को ठंढा करने के सहायक
== परिचालन चक्र (Operation cycle) ==
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(3) '''शक्ति''' - संपीड़न के आघात के अंत में ईधंन का अंत:क्षेप होता है। यह तुरंत स्वत: प्रज्वलित हो जाता है और तब फैलता है। फैलने से शक्ति उत्पन्न होकर पिस्टन को फैंक देती है।
(4) '''निकास''' - अब निकास वाल्व खुल जाता है और आरोही पिस्टन जली हुई गैसों को सिलिंडर के बाहर निकाल देता है। यह चक्र बार बार चलता है।
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