"पक्षिपटबंधन": अवतरणों में अंतर
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अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) |
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== पटबंधन के उपयोग ==
पक्षिजीवन के कुछ पहलू सदैव से रहस्यमय रहे हैं। इन्हें सुलझाने के लिए [[अरस्तू]] (Aristotle) से लेकर अब तक के प्रकृतिवादी प्रयत्न करते आ रहे हैं।
1. प्रावजन पंथ की जानकारी, अर्थात् पक्षी लंबे पथ अपनाते हैं या छोटे, समुद्र के ऊपर होकर जाते हैं या धरातल के ऊपर, निर्धारित पथ से जाते हैं अथवा प्रत्येक वर्ष पथ बदलते रहते हैं।
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5. दूर या भिन्न स्थानों पर छोड़े जाने पर अपने जन्मस्थान पर लौटने तथा पथ पहचानने की पक्षियों की क्षमता का ज्ञान।
6. अल्प आयु तथा पूर्ण विकसित (या वृद्धिप्राप्त) पक्षियों के
7. पक्षियों की आयु, निर्मोचन (moulting), मृत्यु आदि का ज्ञान।
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