"प्रत्यक्षवाद (विधिक)": अवतरणों में अंतर
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{{स्रोतहीन|date=सितंबर 2014}}{{स्रोत कम}}'''विधिक प्रत्यक्षवाद'''
१. ये धारणा कि विधि किसी प्रधान द्वारा दिए गया आदेश है,
विधिक प्रत्यक्षवाद को सार रूप में कहना कठिन है किन्तु प्रायः माना जाता है कि विधिक प्रत्यक्षवाद का केन्द्रीय विचार यह है: :"किसी विधिक प्रणाली में, कोई विचार (norm) वैध है या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि उसका स्रोत क्या है न कि उसके गुणदोष (merits) क्या हैं?▼
२. ये धारणा कि विधि और नैतिकता में कोई मूल-सम्भन्ध नहीं है,
३. ये धारणा की नैतिकता तर्क का विषय नहीं है, इत्यादि
▲विधिक प्रत्यक्षवाद को सार रूप में कहना कठिन है किन्तु प्रायः माना जाता है कि विधिक प्रत्यक्षवाद का केन्द्रीय विचार यह है: :"किसी विधिक प्रणाली में, कोई
== परिचय ==
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