"अमरीश पुरी": अवतरणों में अंतर

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1987 में बनी [[अनिल कपूर]] की मिस्टर इंडिया में उन्होंने "मोगाम्बो" का किरदार निभाया जो कि फिल्म का मुख्य विलेन है। इसी फिल्म में अमरीश जी का डायलॉग "मोगाम्बो खुश हुआ" फिल्म-जगत मे विख्यात है।
 
== व्यक्तिगत जीवन ==
 
मैं जिस शहर की जिस गली में रहता हूँ.. वहाँ जमील मियाँ नाम के एक व्यक्ति रहते हैं। आप और हम तो एक ही औरत से पार नहीं पा पाते.. जबकि उन्होंने चार शादियाँ की हैं और उनकी चारों बेगमें उनसे बड़ी खुश दिखाई देती हैं।
 
उसका राज एक दिन उनकी एक औरत ने खोला। मैंने इन मियाँजी की औरत के पीछे मेरी रखैल सोनू को लगा रखा था।
 
मेरी रखैल सोनू उर्फ़ सोनल.. जो मेरे मोहल्ले में अपने माँ-बाप के साथ रहती थी.. उसका कोई अफेयर नहीं था। इस वजह से वो बड़ी दु:खी थी। अब उम्र लगभग 35 साल की हो चुकी है। शुरू में जब उसकी चूत में आग लगी रहती थी.. लेकिन बुझाने वाला कोई नहीं था।
 
जब कुछ दिन पहले मेरी उससे बैंक के काउन्टर पर मुलाकात हुई.. जानकर बड़ा आश्चर्य हुआ कि वो मुझे जानती थी। मैं मोहल्ले में एक अच्छे आदमी की हैसियत से जाना जाता था।
धीरे-धीरे उससे मुलाकातें बढ़ती गईं। उसने अपने पर्सनल प्रॉब्लम मुझसे शेयर करने शुरू कर दिए।
मुझे उसके कहने-बोलने की तरह से एक बात समझ में आई.. कि वो तन की भूख से त्रस्त है। उसे कोई चोदने वाला चाहिए था।
 
मैंने उसे थोड़ा सा बरगलाया.. तो वो मेरे काबू में आ गई। जब भी मैं नेट पर बैठता.. तो उसे अपने पास बुला लेता। वो दौड़ी-दौड़ी चली आती। नेट पर उसे चुदने.. चूसने और गाण्ड मरवाने की क्लिप देखना बड़ा अच्छा लगता था। कुछ हॉर्नी किस्म की थी ये सोनू।
 
मैं ऐसी ही किसी लड़की की तलाश में था। सोनू मेरे जाल में आकर फंस गई। जाल भी मैंने ऐसा बुना था कि सोनू की चूत बार-बार चुदासी होती। वो मुझसे हमेशा सेक्स की बातें करती।
 
मैं एक शादीशुदा आदमी था.. मेरी बीवी मुझसे खुश थी लेकिन मेरे लंड को हमेशा कुछ नए का चस्का लगा रहता था।
सोनू चुदने को तैयार थी.. मेरे लंड को भी कुछ नया स्वाद चाहिए था।
 
मेरे काम जीवन में एक विकृति है, वो है ‘लेट इजेक्शन’ मतलब मेरा लंड तब तक पानी नहीं गिराता.. जब तक मैं ना चाहूँ।
मैं यह बात कोई बढ़ा-चढ़ा कर नहीं कर रहा हूँ.. मेरी इस आदत की वजह से मेरी बीवी मुझसे परेशान थी।
 
लेकिन वो शुरू में मुझसे बहुत खुश थी.. क्योंकि मैं उसे लगातार काफ़ी लम्बे समय चोदता था। वो एक घंटे में तीन बार झड़ती थी। शादी के पांच साल तक ये सिलसिला चला.. उसके बाद उसने मुझसे कन्नी काटना शुरू कर दिया।
‘आज नहीं.. सर दुःख रहा है.. कल कमर में मोच आई है..’ उसके यही सब नाटक चलने लगे।
 
विगत चार साल मैंने अकेले काटे हैं। इस बुरे वक्त में सोनू ने मेरा साथ दिया, मैंने भी उसे मेरी पलकों पर बिठाया, वो जो चीज चाहती.. उसे हासिल होती।
मेरा लंड तो जैसे उसकी चूत का दीवाना हो गया था। पहले पहल मैंने उसकी जो सील तोड़ चुदाई की थी.. उसी वजह से वो भी मुझसे खुश थी।
 
उन दिनों मैंने उसे लगातार पकड़-पकड़ कर चोदा। उसकी गाण्ड मारी.. उसकी चूत चोदी.. उसका मुँह चोदा.. यानि मैं कहीं भी लंड घुसाता और वो बड़ी खुशी से घुसवा भी लेती।
 
यह तो हुई मेरी कहानी। यह कहानी इतनी विस्तार से बताने का कारण यह बताना है कि सोनू मेरे लिए कुछ भी कर सकती थी। आप लोगों को भी मेरी कहानी कोई झूट न लगे। मित्रो.. जब जमील मियाँ के घर के हालचाल मुझे पता चले.. तो मैं हतप्रभ रह गया.. क्योंकि चार बीवियाँ चोदना बड़ा मुश्किल होता है। कैसे कर पाता होगा जमील ये? तो सोनू ने ये बात जमील मियाँ की एक औरत तस्लीम से पूछी।
 
‘न पूछ सोनू.. ये मुस्टंडा कैसे-कैसे चोदता है हमको.. साला पूरा जानवर है। इसको एक वक्त में दो औरतें लगती हैं। साला कभी-कभी हम चारों को लेकर सोता है।’
 
सोनू ने उसे विस्तार से बात करने को कहा.. तो उसने सोनू को बताया कि जमील अपनी हर चुदाई की वीडियो बनाता है और फिर उसको देख-देख कर रात में सबको बजाता है।
सोनू ने तस्लीमा से कहा- मुझे भी देखनी है तुम्हारे चुदाई की वो क्लिप्स..
 
तस्लीमा ने उससे वादा किया कि कुछ क्लिप्स वो सोनू को लाकर देगी और मजाक में कहा- क्या तुमको भी चुदना है.. मेरे मियाँ से?
 
सोनू ने शरमा कर ‘धत्त’ कहा और वह जमील के यहाँ से मेरे पास आई। तस्लीम से हुई बातचीत उसने मुझे बताई।
फिर सोनू को मैंने अपने बरामदे में खड़ा करके मैंने लगातार दो बार चोदा।
मेरी ही तो रांड थी वो.. जब भी मेरा लंड उठता.. तो वो झट से नंगी हो जाती.. और चुदा लेती मुझसे..
क्या मस्त चीज थी यार ये सोनू..
 
खैर.. दूसरे दिन तस्लीमा ने सोनू को चार क्लिप्स लाकर दीं, उसे लग रहा था कि सोनू भी जमील से चुदायेगी।
उसे क्या मालूम था कि सोनू पहले से ही किसी के लौड़े से इंगेज है।
घर के कम्प्यूटर पर मैंने वो सीडी अपलोड की और शुरू हुआ जमील मियाँ का जादुई कारनामा।
 
पहली सीडी में मैंने जो देखा तो मेरे कान के पीछे से पसीना बह निकला। सोनू ने तो अपने कपड़े ही उतार दिए और मेरे लंड को मुठियाने लगी, मेरे पंजे को अपनी चूत पर रखकर मसलने लगी।
‘मुझे ऐसे ही चोदो आज.. चोदोगे ना राजा? मेरी चूत.. गाण्ड सब फाड़ दो। साला.. ये जमील है या जानवर?’
 
सामने चलने वाली क्लिप देखकर मेरा लंड जैसे नब्बे डिग्री खड़ा हो गया था। हाय क्या मस्त क्लिप थी.. एक साथ दो.. वो भी पूरी नंगीं..
सोनू ने मेरा लंड अपने होंठों में लेकर चूसना शुरू किया था। पचास साल की उमर का ये बुड्ढा जिस कदर अपनी दोनों बीवियाँ को चोद रहा था.. वो काबिले तारीफ़ था।
 
इधर सोनू की चूत में खुजली होने लगी थी, वो बार-बार अपनी चूत में उंगली डालकर हिला रही थी।
जमील मियाँ की जबरदस्त चुदाई देखकर मेरा लंड नब्बे डिग्री का आकार लिए खड़ा हो गया था।
 
अब लौड़े को या तो चूत चाहिए थी.. या फिर गाण्ड का छेद.. मैंने सोनू को नीचे घोड़ी बनने को कहा और मेरा लंड उसकी चूत में डालकर जैसे मलाई से.. दही से.. मक्खन निकाला जाता है वैसे मथने लगा।
 
‘हाय क्या बात है.. मस्त.. अच्छा लग रहा है.. आह्ह.. ऐसे ही चोदो.. फाड़ दो साली को.. गाण्ड के छेद में उंगली डालो ना..’
मैं भी उत्त्तेजना में आकर उसके कूल्हों पर हल्की-हल्की चपत लगाते हुए उसे घनघोर अंदाज में चोद रहा था।
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पहला शॉट पूरा होने के बाद सोनू ने मुझे जमील के चोदने की जो कहानी बताई.. वो काफी रोचक थी।
 
इस जमील की चार बीवियाँ थीं.. पहली रोशन.. दूसरी सलमा.. तीसरी निगार और चौथी थी तस्लीमा।
जमील मियाँ चूत चोदने के मामले में काफी तंदुरुस्त थे, एक बार में उसे चोदने के लिए दो-दो औरतें लगती थीं। कभी-कभी निगार और रोशन नंगी सोतीं और सलमा लंड चूसती.. ऐसा बार-बार होता।
 
== प्रमुख फिल्में ==