[[चित्|right|thumbnail|320px|1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद पहले राष्ट्रपति बने [[अयातोल्लाह अली खोमैनी]]]]
रजा शाह पहलवी ने 19801930 के दशक में इरान का आधुनिकीकरण प्रारंभ किया। पर वो अपने प्रेरणस्रोत तुर्की के कमाल पाशा की तरह सफल नहीं रह सका। उसने शिक्षा के लिए अभूतपूर्व बंदोबस्त किए तथा सेना को सुगठित किया। उसने ईरान की संप्रभुता को बरकरार रखते हुए ब्रिटेन और रूस के संतुलित प्रभावों को बनाए रखने की कोशिख की पर द्वितीय विश्वयुद्ध के ठीक पहले जर्मनी के साथ उसके बढ़ते ताल्लुकात से ब्रिटेन और रूस को गंभीर चिंता हुई। दोनों देशों ने रज़ा पहलवी पर दबाब बनाया और बाद में उसे उपने बेटे मोहम्मद रज़ा के पक्ष में गद्दी छोड़नी पड़ी। मोहम्मद रज़ा के प्रधानमंत्री मोहम्मद मोसद्देक़ को भी इस्तीफ़ा देना पड़ा।