"मेष राशि": अवतरणों में अंतर

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== नक्षत्र चरणफल ==
* '''[[अश्विनी]]''' [[भदावरी ज्योतिष]]<ref>http://easyexpressions.blogspot.in/2015/09/blog-post.html</ref> नक्षत्र के प्रथम चरण के अधिपति केतु-मंगल जातक को अधिक उग्र और निरंकुश बना देता है। वह किसी की जरा सी भी विपरीत बात में या कर्य में जातक को क्रोधात्मक स्वभाव देता है, फ़लस्वरूप जातक बात बात मे झगडा करने को उतारू हो जाता है। जातक को किसी की आधीनता पसंद नही होती है। वह अपने अनुसार ही कार्य और बात करना पसंद करता है।
* '''दूसरे चरण''' के अधिपति केतु-शुक्र, जातक को ऐसो आराम की जिन्दगी जीने के लिये मेहनत वाले कार्यों से दूर रखता है, और जातक विलासी हो जाता है।
* '''तीसरे चरण''' के अधिपति केतु-बुध जातक के दिमाग में विचारों की स्थिरता लाता है, और जातक जो भी सोचता है, करने के लिये उद्धत हो जाता है।
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[[श्रेणी:खगोलशास्त्र]]
[[श्रेणी:ज्योतिष]]
[[श्रेणी:भदावर]]