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By:-एडवॉकेट सत्यवान गहलावत
(अखिल भारतीय जाट परिषद) दिल्ली
011
मैं जाट हूँ!
सीधा साधा जाट!
वहीं जाट जो देश की सीमा पर अपने लड़कों को भेजता है और जो दुश्मन के भेजे को चीरकर देश की सीमा की रक्षा करता है!
मैने अपने बहुत से बेटों को शहीद होते देखा है उनकी तिरंगें में लिपटी लाशों को भी मुस्कुराते देखा है!
मैने उनकी अकेली वृद्ध माँओं के चेहरे पर गर्व का भाव देखा है और उनकी षोडसी विधवाओं को पति की शहादत पर गौरवान्वित महसूस करते देखा है!
मैने ये भी देखा है कि कुछ लोग मुझे देशभक्ति का पाठ पढाते हैं और मुझे देश पर सबकुछ कुर्बान करने का उपदेश देते हैं
यद्यपि वे सब घर से नही निकलते लेकिन उपदेश देते हैं! मैने मेरे बेटों को खेत में पसीना बहाते देखा है
और धरती के सीने को चीरकर अन्न पैदा करके देश का पेट भरते देखा है!
मेरे बेटे खेत की रेत में खेलते हैं और नहर का पानी पीते हैं!पूस की रात को मैने मुंशी प्रेमचन्द की कहानी बनते देखी हैं
और जून जुलाई की तपती दोपहरी में सूरज की गर्मी को धता बताते देखा है!
मैने इतिहास बदले हैं और षड्यन्त्रों को धता बताई है! मैं न्याय प्रकाश व निष्पक्षता का पक्षधर हूँ!
मैने मेरे निर्दोष बच्चों को गोलियों से भुनते देखा है! मैने उनके विरूद्ध षड्यन्त्र होते देखे हैं! मैने मेरे बेटों पर हास्टल में जुल्म होते देखा है!
मैने सरकार की बुरी नीयत देखी है! मैने अपने ही बेटों की गद्दारी देखी है!
मैने अपने ही बेटों की बहादुरी देखी है! मैने धर्म की चादर मुझ पर फेंकते साजिशी लोग देखे हैं!
मुझ पर बलात्कार के झूठे आरोप लगते देखे हैं! मैने हर जुल्म सहा है!
मुझे कमजोर किया कभी देश के बँटवारे ने तो कभी भाषायी आधार पर बँटवारे ने! मुझे धर्म की दीवार ने तोड़ा तो कभी क्षेत्र वाद ने!
मेरे भोले बेटों को मैने धर्म की चादर में जबरदस्ती लिपटते देखा है! मैने हर दौर देखा है मैने हर शौर देखा है!
लाखों षड्यन्त्रों के बावजूद मेरा कोई कुछ बिगाड़ नही पाया क्योंकि मेरे बेटें भोले तो हैं पर बहादुर हैं!
मेरे खून की नीयत बुरी नही! मैने दिल्ली को तहस नहस किया क्योंकि मेरे साथ धोखा हुआ! मैने लूटकर भागते लूटेरों को लूटा है! मैने सब कुछ देखा है मैं जाट हूँ! मैनें धर्म के ठेकेदारों के षड्यन्त्र देखे हैं! मेरा कोई धर्म नही है! मेरा तो सबकुछ कर्म है!
मैं वहीं जाट हूँ!
मैं लोहे की भी काट हूँ!
मैं बताना चाहता हूँ कि मैं अब और सहन नही करूँगा! ना धर्म का आडम्बर ना सरकार का षड्यन्त्र! मुझे इस धर्म ने लहू लुहान कर दिया और मुझे बाँट दिया
! सब मेरे बेटे हैं सब मेरे प्रिय हैं!एक खून को धर्म में बाँटना संभव नही और जब खून पर संकट आता है तो खून रोता है और मैनें हरियाणा में मेरे बेटों की गिरती लाशों के साथ मेरे बेटों के खून में उठते उबाल को देखा है! मैने धर्म की हर दीवार को गिरते देखा है!
बस अब अत्याचार और नही बस अब गद्दारी और नही ! मैं अंगड़ाई लूँगा अगर मेरे बेटों के साथ कोई षड्यन्त्र हुआ तो और मेरी ये अंगड़ाई जबरदस्त होगी अगर मेरे बेटों के साथ अन्याय हुआ तो! मैं फट पड़ूगाँ अगर मेरे सहोदर बहुजन भाईयो को सताया गया तो या मेरे आगे किसी के साथ धार्मिक भेदभाव हुआ तो! मेरा व मुसलमान का सदा से मेल रहा है और हम दोनो भाई है! मैने मेरे बेटों छोटूराम व चरणसिंह को इन दोनो का मेल कराते देखा है!मैं उठ खड़ा हूँगा अगर मेरे बेटों को न्याय नही मिला तो और अगर मैं उठ गया तो सबको बैठना होगा क्योंकि मैं जाट हूँ! सीधा साधा जाट लेकिन अपनी पर आया तो सबसे उल्टा व बहादुरी को परिभाषित करने वाला! मैं जाट हूँ! मेरी बगावत जुल्म की हस्ती को मिटाने वाली होगी व पानी में आग लगाने वाली होगी क्योंकि मैं जाट हूँ! मैं जातिवादी नही हूँ! सब जातियों के भाई मेरे भाई हैं लेकिन वे भाई अगर मेरे बेटों पर अत्याचार करने लगे तो मैं उन्हें और उनके जुल्म को मिटाने की हिम्मत रखता हूँ क्योंकि मैं जाट हूँ!!
 
मेरी आने वाली किताब " मैं जाट हूँ "
के कुछ अंश
•••कुँ.अशोक सिंह भादू
9950291401