"सामाजिक सुरक्षा": अवतरणों में अंतर

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==इतिहास==
'सामाजिक सुरक्षा' शब्द का उद्गम औपचारिक रूप से सन् 1935 से माना जाता है, जबकि प्रथम बार [[अमरीका]] में सामाजिक सुरक्षा अधिनियम पारित किया गया। इसी वर्ष बेरोजगारी, बीमारी तथा वृद्धावस्था बीमा की समस्या का समाधान करने के लिए सामाजिक सुरक्षा बोर्ड का गठन किया गया। तीन वर्ष बाद सन् 1938 में 'सामाजिक सुरक्षा' शब्द का प्रयोग [[न्यूजीलैण्ड]] में किया गया जब पहली बार बड़े पैमाने पर यह योजना लागू की गयी। सन् 1941 में [[अटलांण्टिक चार्टर]] के अन्तर्गत सभी देशों का उद्योग के सभी क्षेत्रों में सामाजिक सुरक्षा को प्रोत्साहित करने को कहा गया; जिसस श्रमिकों के रहन-सहन के स्तर तथा उनकी आर्थिक दशा में सुधार हो सके। सन् 1943 में सर विलियम बैवरिज द्वारा एक नयी योजना बनायी गयी। उन्होन अपनी रिपोर्ट 'सामाजिक बीमा एवं सम्बन्धित सेवाएं' के अन्तर्गत ब्रिटिश जनता को अभाव से मुक्ति दिलाने के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाएं बनाने का सुझाव दिया। इस शब्द का प्रयोग एल.सी. मार्श द्वारा प्रस्तुत अपनी रिपोर्ट ‘कनाडा में सामाजिक सुरक्षा‘ तथा नेशनल रिसोर्सेज बोर्ड, संयुक्त राज्य अमरीका की रिपोर्ट में भी किया गया, जिसक अन्तर्गत सामाजिक सुरक्षा एवं सामाजिक सहायता का सम्पूर्ण उत्तरदायित्व केन्द्रीय शासन पर डाला गया।
 
==सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का क्षेत्र==
सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के अन्तर्गत अग्रलिखित बातें सम्मिलित की जाती है :
*1. अनिवार्य सामाजिक बीमा,
*2. ऐच्छिक सामाजिक बीमा के कुछ प्रारूप,
*3. सरकारी कर्मचारियों के लिए कुछ विशिष्ट योजनाएं जैसे [[बोनस]], [[भविष्य निधि]] (प्रोविडेण्ट फण्ड) का भुगतान,
*4. पारिवारिक भत्ता,
*5. सामाजिक सहायता,
*6. जन-स्वास्थ्य सेवाएं।
 
==आधुनिक सामाजिक सुरक्षा योजना==
आधुनिक समय में (1) सामाजिक सहायता, तथा (2) सामाजिक बीमा का मिश्रण जिसमें विभिन्न जोखिमों के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान की जाती है। सर्वव्यापी योजना का होना तथा पर्याप्त सुरक्षा का प्रावधान होना- ये दो बातें इस कार्यक्रम की विशेषता हैं जिससे सामाजिक सुरक्षा योजना के प्रति श्रमिक आत्मीयता अनुभव करे तथा कठिनाई के क्षणों में इस पर आश्रित रह सके।
 
==समाजिक सुरक्षा के आवश्यक तत्व==
सामाजिक सुरक्षा योजना के लिए निम्नलिखित तत्व आवश्यक है :
 
*1. योजना का उद्देश्य बीमारी की रोकथाम या इलाज करना होना चाहिए अथवा अनिच्छापूर्वक घटित हानि से सुरक्षा के लिए आय की गारण्टी देना जिससे श्रमिक पर निर्भर व्यक्ति लाभान्वित हो सके।
 
*2. यह प्रणाली एक निश्चित अधिनियम के अन्तर्गत लागू की जानी चाहिए जो व्यक्तिगत अधिकारों तथा उत्तरदायित्व के प्रति सरकार, अर्द्ध-सरकारी संस्थाओं, गैर-सरकारी संस्थाओं को सामाजिक सुरक्षा सुविधाएं प्रदान करने के लिए बाध्य करे।
 
*3. यह प्रणाली सरकारी, अर्द्ध-सरकारी तथा गैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा प्रशासित की जानी चाहिए।
 
*4. सुरक्षा को भली-भांति नियमित करने की दृष्टि से उपलब्ध सुविधाओं के प्रति कर्मचारियों का विश्वास होना आवश्यक है कि आवश्यकतानुसार उन्हें सामाजिक सुरक्षा सेवाओं के अन्तर्गत किये गये प्रावधान उपलब्ध होंगे तथा उनकी किस्म और मात्रा पर्याप्त होगी।
 
==भारत में सामाजिक सुरक्षा==