"पाकिस्तान का सर्वोच्च न्यायालय": अवतरणों में अंतर

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==न्यायपालिका में स्थान==
{{मुख्य|पाकिस्तान की न्यायपालिका}}
सर्वोच्च न्यायालय, पाकिस्तान की न्यायपालिका का शिकार बिंदु है, एवं [[पाकिस्तान की न्यायपालिका|पाकिस्तानी न्यायिक तंत्र]] का श्रेष्ठतम व उच्चतम न्यायालय है। पाकिस्तान की न्यायपालिका की श्रेणीबद्ध प्रणाली है जिसमें अदालतों के दो वर्गों है:
*'''श्रेष्ठतर''' (या उच्च) '''न्यायपालिका''' और
*'''अधीनस्थ''' (या निम्न) '''न्यायपालिका'''।
 
श्रेष्ठतर न्यायपालिका में, उच्चतम न्यायालय के अतिरिक्त, [[पाकिस्तान की संघीय शरियाई अदालत |संघीय शरीयत अदालत]] और पाँच [[उच्च न्यायालय (पाकिस्तान) |प्रांतीय उच्च न्यायालयों]] आते हैं, जिसके शीर्ष पर सुप्रीम कोर्ट विराजमान है। सर्वोच्च न्यायालय के निचली स्तर पर, प्रत्येक चार प्रांतों एवं इस्लामाबाद राजधानी क्षेत्र के लिये गठित उच्च न्यायालय है। पाकिस्तान का संविधान, न्यायपालिका पर संविधान की रक्षा, संरक्षण व बचाव का दायित्व सौंपता है। ना उच्चतम न्यायालय, ना हीं, उच्च न्यायालय, जनजातीय क्षेत्रों(फाटा) के संबंध में अधिकारिता का प्रयोग कर सकते हैं, सिवाय अन्यथा यदी प्रदान की जाय तो। आजाद कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान के विवादित क्षेत्रों के लिये अलग न्यायिक प्रणाली है।
 
अधीनस्थ न्यायपालिका में वह न्यायालय हैं जो श्रेष्ठतर प्रणाली की अधीन आती है। इसमें, सिविल और आपराधिक जनपदीय न्यायालय व अन्य अनेक विशेष अदालतें शामिल हैं, जो, [[बैंकिंग]], [[बीमा]], सीमा शुल्क व उत्पाद शुल्क, तस्करी, ड्रग्स, [[आतंकवाद]], कराधान, पर्यावरण, उपभोक्ता संरक्षण, और [[भ्रष्टाचार]] संबंधित मामलों में अधिकारिता का प्रयोग करती हैं। आपराधिक अदालतों को दंड प्रक्रिया संहिता, 1898 के तहत बनाया गया था और सिविल अदालतें, पश्चिमी पाकिस्तान सिविल न्यायालय अध्यादेश, 1964 द्वारा स्थापित किए गए थे। साथ ही, राजस्व अदालतें भी हैं, जो कि पश्चिमी पाकिस्तान भू-राजस्व अधिनियम, 1967 के तहत काम कर रहे हैं।
 
इन सारे न्यायालयों द्वारा लिये गए निर्णय अपील-बद्ध हैं। अर्थात् निर्णय को उंची अदालतों में चुनौती दी जा सकती है। इसमें अंत्यत् निर्णयाधिकार सर्वोच्च न्यायालय का होता है।
 
==संरचना==