"पाकिस्तान का सर्वोच्च न्यायालय": अवतरणों में अंतर

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==इतिहास==
पाकिस्तान की सर्वोच्च न्यायालय को [[पाकिस्तान का संविधान, 1956 |1956 के संविधान]] द्वारा स्थापित किया गया था। इसने 1948 में, आदेश द्वारा स्थापित, '''संघीय अदालत'''(''फ़ेड्रल कोर्ट'')(जो 1935 में स्थापित, भारत की संघीय अदालत का पाकिस्तानी जोड़ीदार था) का नवरूप था। 1956 में इस के गठन के समय से ही इसने अपना न्यायिक अधिकार संजोए रखा है एवं अनेक सैनी सरकारों के कार्यकाल के दौरान भी यह अपना अधिकार जताने में सफल रहा है।
 
[[पाकिस्तान का संविधान, 1956 |1956 के संविधान]] के अनुसार: उच्चतम न्यायालय [[कराँची]] में स्थापित थी, परंतु 1949 में इसे [[लाहौर]] में पुनर्स्थापित कर दिया गया, जहां यह मौजूदा [[लाहौर उच्च न्यायालय]] के भवन में कार्यशील था। [[पाकिस्तान का संविधान, 1973 |1973 के संविधान]] के दस्तावेज़ मैं सर्वोच्च न्यायालय को [[इस्लामाबाद]] में स्थापित करने की बात की गई है एवं यह आशा जताई गई है की सर्वोच्च न्यायालय देश की राजधानी में स्थापित हो। परंतु राशि के अभाव के कारण न्यायालय के भवन को उस समय इस्लामाबाद में नहीं निर्मित किया जा सका था। अतः 1974 में न्यायालय को [[लाहौर]] से [[रावलपिंडी]] ले आया गया। 1989 में, [[पाकिस्तान सरकार |सरकार]] द्वारा इस्लामाबाद में सर्वोच्च न्यायालय के नए भवन के निर्माण के लिए धनराशि आवंटित की गई। इस्लामाबाद के ''कंस्टिच्यूशन ऐवेन्यू''("संविधान गामिनी") पर स्थित मौजूदा भवन के निर्माण की शुरुआत केवल 1990 में ही हो सकी, परंतु मुद्रा के अभाव के कारण 1993 तक केवल मुख्य भवन का [[निर्माण]] ही किया जा सका, अतः आगे के निर्माण कार्य को 1993 में रोक दिया गया। 31 दिसंबर 1993 में [[नयायालय]] को रावलपिंडी से इस्लामाबाद मैं निर्मित भवन में पुनर्स्थापित किया गया एवं परिसर के अन्य भवनों के निर्माण को 2011 तक पूरा किया गया।
 
==चिह्न==