"पाकिस्तान का सर्वोच्च न्यायालय": अवतरणों में अंतर

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प्रत्येक न्यायाधीश 65 साल की उम्र तक पद धारण कर सकते हैं, जिस बीच वे जल्दी ही इस्तीफा द्वारा या संविधान के प्रावधानों के अनुसार पद से हटाया जा सकता है। अर्थात्, शारीरिक या मानसिक अक्षमता या दुराचार - जिसकी वैधता [[पाकिस्तान की सर्वोच्च न्यायिक परिषद |सर्वोच्च न्यायिक परिषद]] द्वारा निर्धारित की जाती है - के कारण कोई भी न्यायाधीश केवल संविधान द्वारा प्रदान किये गए प्रावधानों के आधार पर पद से कार्यकाल पूर्ण होने से पूर्व ही हटाया जा सकता है।
 
== संवैधानिक विकल्पप्रावधान ==
{{पाकिस्तान की राजनीति}}
 
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* अनुच्छेद 190 - इस्लामी गणराज्य पाकिस्तान में तमाम उच्च प्रशासनिक और न्यायिक अधिकारियों या अरबाब विकल्प न्यायालय पाकिस्तान के आदेश बजाआवरी और मदद के लिए प्रतिबद्ध हैं।
ऊपर वर्णित किए गए अवलोकन के अलावा, संविधान पाकिस्तान में जा बजा दूसरे अध्याय और वर्गों में कानूनी, संवैधानिक और घरेलू मामलों में अदालत से संपर्क करने का आदेश दिया गया है। पाकिस्तान के न्यायिक व्यवस्था में सर्वोच्च न्यायालय का यह भूमिका स्पष्ट है कि वह [[पाकिस्तान]] के अन्य भागों में न केवल संवैधानिक और कानूनी नजर रखे बल्कि उनके सरकारी शाखाओं में विकल्प और कर्तव्यों की सही पहचान और वितरण भी अमल में लाए।
 
===न्यायिक शक्तियाँ===
====कथास्त शक्तियाँ====
संविधान की धाराएँ 176 से 190 सर्वोच्च न्यायालय को अनेक संवैधानिक अधिकार देते हैं, जिनके उपयोगन से [[पाकिस्तान के राष्ट्रपति|राष्ट्रपति]] की कार्य स्वतंत्रता पर नियंत्रण व बाधाएँ डाली जा सकती है। उदाहरणस्वरूप: संविधान के अनुसार राष्ट्रपति के पास [[पाकिस्तान की राष्ट्रीय सभा|क़ौमी असेम्ब्ली]] को भंग करने का अधिकार है, परंतु ऐसे किसी भी विवादास्पर भंगन को वैद्ध या अवैद्ध करार देने का अधिकार सर्वोच्च न्यायालय को दिया गया है। इसके अलावा राष्ट्रपति द्वारा लिये गए किसी भी निर्णय व आदेश के निरीक्षण व उसे गैर संवैधानिक व अवैध करार देने का अधिकार भी न्यायालय को दिया गया है। हालाँकि ये प्रावधान संविधान द्वारा अंकित किये गए हैं, परंतु इन्हें आमतौर पर उपयोग नहीं किया जाता है। परंतु यदि पाकिस्तान के संवैधानिक इतिहास के संदर्भ में देखा जाए तो ऐसे अधिकारों का इस्तेमाल कई अवसरों पर (विशेषतः सैन्य सरकारों के समय) किया जाता रहा है।
 
====तथ्यास्पक शक्तियाँ====
कई विवादास्पद निर्णयों के बावजूद इस न्यायालय का पाकिस्तानी राजनीति में अहम स्थान है, अतः अनेक सैन्य सरकारों व राजनैतिक अनबन के दौरों के बाद भी इस न्यायालय ने अपना स्थान बनाए रखा है, एवं कई बार सेना के अवैध ताकतों पर लगाम डालती रही है, और यह पाकिस्तान के कुछ सबसे सम्माननीय संस्थानों में से एक है और आम जनता में इसे विश्वास की दृष्टि से देखा जाता है।
 
==चिह्न==