"मीटरी पद्धति": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Metric system adoption map.svgpng|thumb|विश्व के वे भाग जहाँ अब भी मीटरी पद्धति प्रचलन में नहीं है।]]
'''मीटरी पद्धति''' (metric unit system या metric system) भौतिक राशियों के मापन में प्रयुक्त [[इकाईमात्रक|इकाइयोंमात्रकों]] की एक पद्धति है जिसमें [[मीटर]] लम्बाई की आधारभूत इकाई है। इस पद्धति की मुख्य विशेषता यह है कि किसी भौतिक राशि के छोटे-बड़े सभी मात्रकों का अनुपात १० या उसके किसी पूर्णांक घात (-२, -५, ७, ९, ८ आदि) होता है। उदाहरण के लिये मीटर और सेन्टीमीटर दोनों लम्बाई (दूरी) के मात्रक हैं और एक मीटर १०० सेन्टीमीटर के बराबर होता है। इस प्रणाली का आरम्भ [[फ्रांस]] में सन १७९९ में हुआ। इसके पहले प्रचलित अधिकांश प्रणालियों में एक ही भौतिक राशि के विभिन्न मात्रकों में अनुपात १० या १० के किसी घात का होना जरूरी नहीं था। उदाहरण के लिये [[इंच]] और [[फुट]] दोनों लम्बाई के मात्रक हैं और १ फुट १२ इंच के बराबर होता है। [[इंच]], [[फुट]], [[सेर]], [[मील]] आदि गैर-मीट्रिक इकाइयाँ थीं।
 
इस प्रणाली का प्रयोग सर्वप्रथम [[फ्रांस की क्रांति]] के प्रारंभिक दिनों (१७९१) में हुआ था। पिछले लगभग दो सौ वर्षों में मीट्रिक पद्धति के कई रूप आये; जैसे मीटर-किलोग्राम-सेकेण्ड पद्धति और वर्तमान में अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत [[एसआई पद्धति]] आदि। इन सभी में केवल मूल मात्रकों (फण्डामेंटल यूनिट्स) का अन्तर है किन्तु वस्तुत: वे सभी दशांश पद्धति का ही पालन करतीं हैं। मीट्रिक पद्धति का वैज्ञानिक एवं तकनीकी कार्यों के लिये बहुतायत में उपयोग किया जा रहा है। वर्तमान में केवल [[यूएसए]], [[म्यांमार]] और [[लाइबेरिया]] को छोड़कर विश्व के सभी देशों ने आधिकारिक रूप से मीट्रिक प्रणाली को अपना लिया है।