"दिक्पाल": अवतरणों में अंतर
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:(१) पूर्वा, (२) आग्नेयी, (३) दक्षिणा, (४) नैऋती, (५) पश्चिमा (६) वायवी, (७) उत्तरा, (८) ऐशानी, (९) ऊद्ध्व और (१०) अधस्
उत्पन्न हुईं जिनमें मुख्य
:(१) पूर्व के इंद्र, (२) दक्षिणपूर्व के अग्नि, (३) दक्षिण के यम, (४) दक्षिण पश्चिम के सूर्य, (५) पश्चिम के वरुण, (६) पश्चिमोत्तर के वायु, (७) उत्तर के कुबेर और (८) उत्तरपूर्व के सोम। (कुछ पुराणों में इनके नामों में थोड़ा हेर फेर देख पड़ता है।) शेष दो दिशाओं अर्थात् ऊर्ध्व या आकाश की ओर वे स्वयम् चले गए और नीचे की ओर उन्होंने शेष या अनंत को प्रतिष्ठित किया।
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